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बरेलीः तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम ने की अपील, 6 दिसंबर को नहीं मनाएंगे काला दिवस - बरेली समाचार

यूपी के बरेली में तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम ने बैठक कर 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने का निर्णय किया है. तन्जीम के महासचिव ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काला दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है.

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तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी.
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Published : Dec 5, 2019, 11:21 PM IST

बरेलीः विश्व प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत की तरफ से अमन की पहल की गई है. अयोध्या भूमि विवाद का फैसला आने के बाद इस बार मुस्लिम संगठन तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम ने 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने की अपील की है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुल्क के सभी मुसलमानों से अपील की है कि वे 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाएं.

तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे हुए. हजारों की जानें गईं, करोड़ों का माली नुकसान हुआ और पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान की बदनामी हुई. इसी वजह से 1992 से लेकर अब तक ऑल इंडिया तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम पूरे देश में 6 दिसंबर के दिन को काला दिवस के रूप में मनाती आई है.

तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी.

वहीं तन्जीम की बैठक में परिस्थितियों को देखते हुए इस बार 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने का निर्णय लिया गया है और तन्जीम की सभी ईकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि कोई भी किसी भी जनपद में काला दिवस न मनाए.

इसे भी पढ़ें- बरेली: स्मार्ट सिटी मिशन के तहत गांधी उद्यान में बनेगा वर्टिकल गार्डन

मौलाना ने कहा कि 9 नवंबर को अयोध्या के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया और उस फैसले का सभी ने स्वागत किया है. देश के माहौल को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है कि अमन और शांति, हिन्दू और मुस्लिम सद्भाव, साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना हमारी और हर शहरी की जिम्मेदारी है.

बरेलीः विश्व प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत की तरफ से अमन की पहल की गई है. अयोध्या भूमि विवाद का फैसला आने के बाद इस बार मुस्लिम संगठन तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम ने 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने की अपील की है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुल्क के सभी मुसलमानों से अपील की है कि वे 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाएं.

तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे हुए. हजारों की जानें गईं, करोड़ों का माली नुकसान हुआ और पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान की बदनामी हुई. इसी वजह से 1992 से लेकर अब तक ऑल इंडिया तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम पूरे देश में 6 दिसंबर के दिन को काला दिवस के रूप में मनाती आई है.

तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी.

वहीं तन्जीम की बैठक में परिस्थितियों को देखते हुए इस बार 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने का निर्णय लिया गया है और तन्जीम की सभी ईकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि कोई भी किसी भी जनपद में काला दिवस न मनाए.

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मौलाना ने कहा कि 9 नवंबर को अयोध्या के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया और उस फैसले का सभी ने स्वागत किया है. देश के माहौल को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है कि अमन और शांति, हिन्दू और मुस्लिम सद्भाव, साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना हमारी और हर शहरी की जिम्मेदारी है.

Intro:विश्व प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत की तरफ से अमन की पहल की गई है। अयोध्या का फैसला आने के बाद इस बार मुस्लिम संगठन तंजीम उलेमा ए इस्लाम ने 6 दिसंबर को काला दिवस न मनाने का एलान किया है। तन्जी़म उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने मुल्क के सभी मुसलमानों से अपील की है की वो 6 दिसम्बर को काला दिवस न मनाए।

Body:तन्जी़म उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि 6 दिसम्बर 1992 की घटना के बाद पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे हुए हजारों की जाने गयी करोड़ों का माली नुकसान हुआ और पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान की बदनामी हुई इसी वजह से 1992 से लेकर अब तक आल इंडिया तन्जी़म उलमा ए इस्लाम पूरे देश में 6 दिसम्बर के दिन को काला दिवस के रूप में मनाती आयी है। मगर तन्जी़म की बैठक में हालात कि परिस्थितियों को देखते हुए इस बार 6 दिसम्बर को काला दिवस न मनाने का निर्णय लिया गया है और तन्जी़म की सभी ईकाइयों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं कि कोई भी किसी भी जनपद में काला दिवस न मनाया जाये।

मौलाना ने कहा कि 9 नवम्बर को अयोध्या के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया और उस फैसले का सभी ने स्वागत किया। देश के माहौल को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है क्योंकि अमन व शांति और हिन्दू मुस्लिम सदभाव, सम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखना हमारी और हर शहरी की जिम्मेदारी है।

Byte..शहाबुद्दीन रज़वी (तन्जी़म उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना )Conclusion:
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