बरेलीः शीशगढ में दो नाबालिग छात्रों के सोशल मीडिया पर धार्मिक टिप्पणी के बाद हुए बवाल के दौरान शीशगढ़ में भड़काऊ पोस्ट का स्टेटस लगाने वाली महिला डॉ. नरगिस सिद्दीकी को भी शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
जानकारी के मुताबिक, शीशगढ़ में 18 अगस्त को एक छात्र ने सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष को लेकर टिप्पणी की थी. इसे लेकर जमकर बवाल हुआ था. समुदाय विशेष के सैकड़ों लोगों ने उसका घर घेर लिया और पथराव किया था. इस मामले में अब तक शीशगढ़ और शाही थाने में सात मुकदमे दर्ज हुए हैं. एक मुकदमा किशोर के पिता की ओर से 23 अगस्त को कस्बे में सिद्दीकी अस्पताल एंड मैटरनिटी सेंटर की नरसुआ भैरपुरा निवासी महिला डॉ. नरगिस के खिलाफ लिखाया था.
आरोप था कि डॉ. नरगिस सिद्दीकी ने उनके बेटे का फोटो लगाकर लोगों को हमला करने के उद्देश्य से उकसाया. इस मामले में शुक्रवार को शीशगढ़ पुलिस ने डॉ. नरगिस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. शाम को पुलिस अस्पताल के कागज जांचने पहुंची तो स्टाफ कोई भी कागज नहीं दिखा सका. उन लोगों ने सुबह कागज दिखाने को कहा तो वे लोग ताला लगाकर चले गए. इसके साथ ही पुलिस ने अस्पताल की जांच के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है.
अब तक 33 पर कार्रवाई
बता दें कि शीशगढ़ बवाल को लेकर एक सप्ताह में 33 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. इनमें से 28 को जेल और पांच नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है. एक आरोपी लेकर थाना शाही से जेल भेजा गया है. इस बारे में एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि शीशगढ़ में अभद्र धार्मिक टिप्पणी को लेकर बवाल होने के बाद भी तमाम लोग ऐसी पोस्ट करके माहौल खराब कर रहे हैं. शुक्रवार को भी ऐसे दो मामले सामने आए, जिनकी जांच की जा रही है. शीशगढ़ बवाल में भड़काऊ पोस्ट डालने को लेकर डॉ. नरगिस को गिरफ्तार किया गया है. अस्पताल की वैधता की जांच को सीएमओ को पत्र लिखा गया है.
ये भी पढे़ंः स्वामी प्रसाद मौर्या का बड़ा बयान, भारत न कभी हिन्दू राष्ट्र था और न कभी होगा