बरेली: भाजपा के बरेली मेयर उमेश गौतम पर लगातार समाजवादी पार्टी के पूर्व मेयर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने नगर निगम की जमीन हड़प रखी है और उस पर अपनी यूनिवर्सिटी बना रखी है. पूर्व मेयर आईएस तोमर का कहना है कि ऐसे मेयर का बरेली में मेयर बने रहना गलत है. माननीय मुख्यमंत्री को तत्काल इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं मेयर ने बताया कि जब उन्होंने स्मार्ट सिटी के घोटालों को उजागर किया. सीएम योगी से कमिश्नर रणवीर प्रसाद और म्युनिसिपल कमिश्नर अभिषेक आंनद की शिकायत की. तभी इन दोनों ऑफिसरों ने उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी. मेयर का आरोप है कि 2006 में ही नगर निगम ने इन्वर्टिज यूनिवर्सिटी से अपना कब्जा ले लिया था. ये बात खुद नगर निगम ने कोर्ट में लिखकर दी थी. उस दौरान प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और सपा के ही मेयर डॉ. आईएस तोमर थे.
मेयर उमेश गौतम का कहना है कि अगर जमीन पर कब्जा था तो उस दौरान चुनाव लड़ते वक्त नगर निगम ने उन्हें एनओसी कैसे दे दी. मेयर का कहना है कि अलीगढ़ और सहारनपुर में 80 करोड़ में स्मार्ट सिटी के टेंडर हुए. वहीं बरेली में 160 करोड़ के टेंडर किये गए. इसमे कमिश्नर और म्युनिसिपल कमिश्नर ने खेल किया. हाल ही में सीएम योगी बरेली आये थे. उस दौरान मेयर डॉ. उमेश गौतम ने सीएम से स्मार्ट सिटी में हुए घोटालों की शिकायत की थी. सीएम को बताया था कि कमिश्नर और म्युनिसिपल कमिश्नर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व मेयर डॉक्टर आईएस तोमर का आरोप है कि भाजपा मेयर उमेश गौतम ने नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर रखा है और अपनी यूनिवर्सिटी बना रखी है. इसी कारण वहां पर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी नहीं चल पाया. इससे नगर निगम और शासन को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
पूर्व मेयर आईएस तोमर लगातार खुलकर मेयर उमेश गौतम पर आरोप लगा रहे हैं कि ऐसा मेयर बरेली की जनता को नहीं चाहिए. माननीय मुख्यमंत्री तत्काल इस पर कार्रवाई करें और निगम की जमीन को मुक्त कराएं. साथ ही साथ बरेली में ऐसे मेयर नहीं होने चाहिए जो सरकारी जमीनों पर कब्जा करे बैठे हैं.
वही नगर आयुक्त का कहना है कि जो भी रिपोर्ट थी, वह हमने शासन को भेज दी है. निगम की कितनी जमीन है इसके बारे में उनको अभी सही से ज्ञान नहीं है. जितनी भी जमीन होगी, शासन स्तर पर उसकी कार्रवाई की जाएगी.