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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं चाहता कि अयोध्या मुद्दा खत्म होः मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी - barelvi ulema opposed the reconsideration petition of the muslim personal law board

लखनऊ में हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया गया है. वहीं इस फैसले का बरेलवी उलमा ने विरोध किया है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मुद्दे पर राजनीति कर रहा है. वह नहीं चाहता कि इस विवाद का अंत हो.

महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी.
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Published : Nov 19, 2019, 7:37 AM IST

बरेलीः अयोध्या भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है. वहीं बरेलवी उलेमा ने बोर्ड का विरोध किया है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने बोर्ड के फैसले को गैर जिम्मेदाराना बताया है. साथ ही यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मुद्दे पर राजनीति कर रहा है.

महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी.

लखनऊ में हुई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को लखनऊ में आयोजित की गई. बैठक में फैसला हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जायेगी. साथ ही 5 एकड़ जमीन नहीं लेने का भी ऐलान किया. इस बैठक में लिए गए फैसले पर तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम नेताओं ने बैठक की थी. इस बैठक में यह तय किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा उसको हम मानेंगे. इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल था.

इसे भी पढ़ें- बिजली कर्मचारियों ने प्रदेशभर में किया प्रदर्शन, 48 घण्टे तक कार्य किया बहिष्कृत

राजनीति कर रहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अयोध्या के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि अयोध्या मुद्दा खत्म हो. वह इसको जिंदा रख कर राजनीति की बिसात बिछा रहे हैं. मौलाना ने आगे कहा कि अब इस मुद्दे को यहीं छोड़ कर आगे बढ़ने की बात करना चाहिए. इस मामले को लेकर दोबारा देश का माहौल खराब न हो. अब इस विवाद का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो जाना चाहिए.

बरेलीः अयोध्या भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है. वहीं बरेलवी उलेमा ने बोर्ड का विरोध किया है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने बोर्ड के फैसले को गैर जिम्मेदाराना बताया है. साथ ही यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मुद्दे पर राजनीति कर रहा है.

महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी.

लखनऊ में हुई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को लखनऊ में आयोजित की गई. बैठक में फैसला हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जायेगी. साथ ही 5 एकड़ जमीन नहीं लेने का भी ऐलान किया. इस बैठक में लिए गए फैसले पर तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम नेताओं ने बैठक की थी. इस बैठक में यह तय किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा उसको हम मानेंगे. इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल था.

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राजनीति कर रहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अयोध्या के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि अयोध्या मुद्दा खत्म हो. वह इसको जिंदा रख कर राजनीति की बिसात बिछा रहे हैं. मौलाना ने आगे कहा कि अब इस मुद्दे को यहीं छोड़ कर आगे बढ़ने की बात करना चाहिए. इस मामले को लेकर दोबारा देश का माहौल खराब न हो. अब इस विवाद का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो जाना चाहिए.

Intro:मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर भड़के बरेलवी उलेमा, बोले बोर्ड नहीं चाहता कि मुद्दा समाप्त हो

एंकर- अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैशले के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही तो वही बरेलवी उलेमा ने बोर्ड का विरोध किया है। और बोर्ड के फैसले को गैरजिम्मेदाराना बताया है। Body:वीओ1- सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को लखनऊ में आयोजित की गई। बैठक में फैसला हुआ है कि फैसले के ख़िलाफ़ रीव्यू पीटिशन दाखिल की जायेगी और 5 एकड़ जमीन नहीं लेने का भी ऐलान किया। तन्जी़म उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम नेताओं ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा उसको हम मानेंगे इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल था। मगर बोर्ड की लखनऊ में बैठक हुई उसमें ये निणर्य लिया गया कि फैसले के ख़िलाफ़ रीव्यू पीटिशन दाखिल की जायेगी और 5 एकड़ जमीन नहीं लेने का भी ऐलान किया।

बाइट- मौलाना शहाबुद्दीन रज़वीConclusion:वीओ2- मौलाना ने इस पर कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लोग अयोध्या के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि अयोध्या मुद्दा खत्म हो इसको जिंदा रख कर इसी तरह की राजनीति की बिसात बिछाते रहे, बोर्ड देश में हिन्दू-मुस्लिम भाई चारा और अमन व शातिं के बने अच्छे वातावरण को भगं करना चाहता है। जबकि हकीकत यह है कि बोर्ड सिर्फ देश के 25 फीसद नुमाइंदगी करता है और 75 फीसद मुस्लिम आबादी बोर्ड के ख़िलाफ़ है। मौलाना ने आगे कहा कि अब इस मुद्दे को यही छोड़ कर आगे बढ़ने की बात करना चाहिए। इस मामले को लेकर दोबारा देश का महोल खराब न हो, अब इस विवाद का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो जाना चाहिए, इस मुद्दे कि वजह से देश के मुसलमानों ने जान व माल का बहुत ज्यादा नुकसान उठाया है। अब मुसलमान नही चाहता है कि इस मुद्दे कि वजह से उसकी नयी नस्ल को मुश्किलों और मुसीबतों का सामना करना पड़े। मुसलमानों ने सबर व तहामुल्ल के साथ फैसले को स्वीकार किया है। क्योंकि मुसलमान नही चाहता कि देश एक बार फिर नफरत की भेंट चढ़ जाये।

बाइट- मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी। रंजीत शर्मा। ईटीवी भारत ,बरेली।
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