बरेलीः अयोध्या भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है. वहीं बरेलवी उलेमा ने बोर्ड का विरोध किया है. तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने बोर्ड के फैसले को गैर जिम्मेदाराना बताया है. साथ ही यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मुद्दे पर राजनीति कर रहा है.
लखनऊ में हुई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को लखनऊ में आयोजित की गई. बैठक में फैसला हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जायेगी. साथ ही 5 एकड़ जमीन नहीं लेने का भी ऐलान किया. इस बैठक में लिए गए फैसले पर तन्जीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम नेताओं ने बैठक की थी. इस बैठक में यह तय किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा उसको हम मानेंगे. इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल था.
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राजनीति कर रहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अयोध्या के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि अयोध्या मुद्दा खत्म हो. वह इसको जिंदा रख कर राजनीति की बिसात बिछा रहे हैं. मौलाना ने आगे कहा कि अब इस मुद्दे को यहीं छोड़ कर आगे बढ़ने की बात करना चाहिए. इस मामले को लेकर दोबारा देश का माहौल खराब न हो. अब इस विवाद का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो जाना चाहिए.