बरेली: आंवला थाना क्षेत्र में सोमवार को एक शख्स ने आत्महत्या कर ली थी, परिजनों का आरोप था कि पुलिस मामले में कार्रवाई के लिए पैसा मांग रही थी, जिस वजह से दुखी होकर युवक ने आत्महत्या कर ली. एक सुसाइड नोट भी तब पुलिस को दिखाया गया था, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. जांच में खुलासा हुआ है कि जो सुसाइड नोट बताया जा रहा है वो मृतक की हैंडराइटिंग में नहीं है.
मामले पर एसएसपी का बयान
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि थाना आंवला के अन्तर्गत एक व्यक्ति ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी, इसके बाद मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें दांवा किया जा रहा था कि उसमें जो बाते लिखी है वो मृत युवक ने लिखी है, लेकिन जब हमने विशेषज्ञों से जांच कराई तो वो राइटिंग मृतक की नहीं थी.
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दारोगा पर सुसाइड नोट फाड़ने का आरोप
लोगों ने आंवाला पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब लोगों ने सुसाइड नोट पुलिस को दिखाया तो दारोगा ने झूठ फैलाने की बात कहते हुए उस सुसाइड नोट को फाड़ दिया, जिसपर गांव में जमकर हंगामा हुआ था और लोगों ने पुलिस पर पथराव किया था. इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे.
यह था पूरा मामला
आपको बता दें कि आंवला थाना क्षेत्र स्थित रामनगर चौकी क्षेत्र के रहने वाले 45 साल के शिशुपाल ने सोमवार की सुबह आत्महत्या कर ली थी. परिजनों के मुताबिक शिशुपाल का आरोप था कि उसकी बेटी को गांव का ही एक युवक लेकर भाग गया है. उसने गांव के ही बंटी नामक एक युवक पर अपनी बेटी को अगवाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए थाना आंवला में तहरीर दी थी, जिसपर 9 अप्रैल को पुलिस ने उपयुक्त धाराओं में FIR दर्ज कर ली थी.
चौकी इंचार्ज पर रिश्वत मांगने का आरोप
परिजनों का आरोप था कि आंवला थाना क्षेत्र के रामनगर पुलिस चौकी इंचार्ज रामरतन ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने की एवज में पैसों की मांग की थी. इसके बाद पुलिस के कार्यप्रणाली से परेशान होकर शिशुपाल ने आत्महत्या की थी. आपको बता दें कि इस नवरात्र में युवती की शादी भी होनी थी. बहरहाल इस पूरे मामले पर पुलिस की तफ्तीश जारी है.