बरेली: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगने के बाद कांवड़ियों के कपड़ों का व्यापार करने वाले व्यापारी मायूस हैं. सावन के महीने में जहां भोले के भक्तों की कांवड़ियों के सामानों की खरीदारी की भीड़ रहती थी, वहां दुकानदार खाली बैठे ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.
सावन के महीने का जहां भोलेनाथ के भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है, वहीं कांवड़ियों के सामान को बेचने वाले व्यापारी भी साल भर सावन के महीने का इंतजार करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई गई है. इसके चलते कांवड़ियों के सामान को बेचने वाले व्यापारियों का व्यापार ठप हो गया है. बाजार में कांवड़ियों के सामान को बेचने वाले व्यापारियों ने लॉकडाउन खुलने के बाद कांवड़ यात्रा निकलने की उम्मीद के चलते लाखों का माल मंगा लिया था.
सावन के महीने में कांवड़िए विशेष रूप से भोलेनाथ, सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी टी-शर्ट को पहनना पसंद करते हैं. साथ ही कांवड़ियों के लिए टी-शर्ट, लोअर, बनियान, टोपी, बैग आदि का लाखों रुपये का कारोबार होता था. इसके अलावा गंगा जल लेने के लिए कांवड़िए त्रिशूल, डमरू और अन्य सजावट का सामान भी बाजार से खरीदते थे. इतना ही नहीं कांवड़ियों की पसंद को देखते हुए व्यापारी भी अपने व्यापार को चंद दिनों में अच्छा मुनाफा कमाकर व्यापार करते थे और उसी उम्मीद से व्यापारियों ने लॉकडाउन खुलने के बाद कांवड़ियों के द्वारा खरीदा जाने वाला सामान दिल्ली और अन्य शहरों से मंगाकर दुकानों में स्टॉक कर लिया था.
कांवड़ यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही बाजार भगवान शिव में हो जाता है हर तरफ भगवा कपड़ों के साथ ही कावड़ियों की पसंद सामानों की दुकानें सजने लगती है पर इस बार कावड़ यात्रा पर रोक लगने की वजह से कावड़ियों की पसंद के कपड़ों और अन्य सामान का बाजार फीका पड़ा है । उनको खरीदने वाले भोलेनाथ के भक्त बाजार में नहीं आ रहे है ।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद पिछले साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगी थी. इसके चलते व्यापारियों के पास पिछले साल का भी सामान रखा था. इस बार लॉकडाउन खुलने के बाद उनको उम्मीद जगी कि शायद कांवड़ यात्रा सावन के महीने में निकले और उसी उम्मीद के चलते व्यापारियों ने दिल्ली से कांवड़ियों की पसंद के कपड़े और अन्य सामानों को मंगाकर स्टॉक में रख लिया था, लेकिन इस बार भी व्यापारी मायूस हो गए.
सावन के महीने में बाजार भुलेनाथ के रंग से रंगा हुआ करता था और भोले के भक्तों की भीड़ रहती थी. वहीं, इस बार दुकानदार खाली बैठे ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं. इक्का-दुक्का दुकानदार के पास ग्राहक आते हैं जो कांवड़ में प्रयोग होने वाले वस्त्र और अन्य सामानों की मांग करते हैं. बाजार में कांवड़ियों की पसंद कहे जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छपी टी-शर्ट खूब बिकती थी, लेकिन इस बार न तो कोई भोले का भक्त नरेंद्र मोदी की छपी फोटो वाली टी-शर्ट खरीदने आ रहा है, न ही कांवड़ का अन्य सामान.
कांवड़ियों के वस्त्र बेचने वाले व्यापारी राजू भाई चुन्नी वाले का कहना है कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के चलते कांवड़ यात्रा नहीं निकली थी. इस बार कांवड़ यात्रा निकलने की उम्मीद थी. इसी उम्मीद से उन्होंने कांवड़ियों की पसंद के वस्त्रों को मांगाकर स्टॉक में रख लिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर कांवड़ यात्रा पर रोक लगने के बाद कांवड़ियों के सामान को खरीदने वाला कोई नहीं आ रहा है. कांवड़ के सामान का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है.
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व्यापारी जुगेन्द्र पाल का कहना है कि सावन के महीने में जहां भोलेनाथ के भक्त कांवड़ियों के पसंद के कपड़ों को खरीदने के लिए आते थे. इस बार इक्का-दुक्का ग्राहक आ रहे हैं. माल गोदामों में भरा है, लेकिन उनको खरीदने वाला कोई नहीं है. व्यापारी कहते हैं कि अगर कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है तो यह भी ठीक है. माल इस साल नहीं अगली साल बेंच लेंगे. वहीं, व्यापारी विष्णु मौर्य कहते हैं कि कांवड़ निकलने की उम्मीद को देखते हुए उन्होंने लाखों रुपये का माल मंगा लिया था, लेकिन वह खाली बैठे हैं. बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं.