बरेली: वतन की आन, बान और शान की खातिर प्रेम लाल 1957 में सेना में भर्ती हुए. सेना में रहते हुए तीन-तीन दुश्मन देशों को जंग में धूल चटाई. लेकिन अब वही रिटायर्ड हवलदार अपना हक पाने के लिए देश की सरकारी व्यवस्था से दो-चार हो रहे हैं.
दरअसल सेना से रिटायर्ड प्रेम लाल ने गुजारा भत्ता यानी पेंशन पाने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाया था. पूर्व सैनिक का कहना है कि पहले तो बैंक ने इनकी पेंशन ग्रोथ को बढ़ाया, लेकिन बाद में जन्मतिथि घटाकर पेंशन से कटौती शुरू कर दी. लिहाजा अब बीमारी से घिरे रिटायर्ड हवलदार ने बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.
पूर्व सैनिक की जन्मतिथि से हेरफेर कर बैंक ने पेंशन में की काटौती
- पूर्व सैनिक प्रेम लाल सेना में हवलदार की पोस्ट पर रहे हैं.
- प्रेमलाल का पेंशन खाता बैंक ऑफ बड़ौदा की श्यामगंज शाखा में है.
- कागजात के मुताबिक, उनकी जन्मतिथि एक जुलाई 1939 है.
- इसी जन्मतिथि के आधार पर ही उनका बैंक खाता खुला था.
- पूर्व सैनिक की उम्र 80 साल होने पर उनकी पेंशन में 20 प्रतिशत ग्रोथ बढ़ाने का प्रावधान है.
- जुलाई 2019 को उनकी उम्र 80 साल होनी थी .
- आरोप है कि बैंक ने पहले तो उनकी पेंशन में ग्रोथ बढ़ाई, लेकिन बाद में जन्मतिथि घटाकर पेंशन से कटौती शुरू कर दी.
- 1939 के हिसाब से बैंक प्रबंधन ने उनकी पेंशन में बढ़ोतरी कर दी, लेकिन बाद में जन्मतिथि 1941 कर पेंशन से चार हजार रुपये महीने की कटौती शुरू कर दी.
- पूर्व सैनिक ने बैंक प्रबंधक से इसकी शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
रिटायर्ड हवलदार ने बताया कि वह वर्ष 1957 में सेना में भर्ती हुए थे और वर्ष 1961 में जंग लड़कर गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया था. इसके अलावा साल 1962 में चीन, 1965 में पाकिस्तान और 1971 में ढाका में बांग्लादेश से भी वह जंग लड़ चुके हैं.
पूर्व सैनिक को कोई दिक्कत है तो वह हम से मिलकर अपनी समस्या बताएं. उनकी समस्या का तुरंत समाधान किया जाएगा.
-ओमपाल बढ़ेरा , एलडीए