बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आयुष्मान कार्ड धारक 59 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. मरीज कार्ड लेकर शहर के मशहूर अस्पतालों के चक्कर काटता रहा, लेकिन अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया. इलाज के अभाव से बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया. मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं.
जनपद के रहने वाले मतबूल हुसैन की रात को अचानक तबीयत खराब हो गई. हुसैन के पास आयुष्मान कार्ड था. हुसैन के परिजन उन्हें लेकर शहर के चार निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गए, लेकिन आयुष्मान कार्ड का नाम सुनकर ही अस्पतालों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया. किसी अस्पताल ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति की तो किसी ने बेड न खाली होने का बहाना बनाकर मरीज को अस्पताल में एडमिट नहीं किया.
क्या है आयुष्मान योजना
आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) भी कहा जाता है. मोदी केयर के नाम से मशहूर यह योजना देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है, लेकिन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के मरीजों को एडमिट करने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं.
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घटना की जानकारी सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला को दी तो उन्होंने मामले की जांच सही ढंग से नहीं की. बस डॉक्टरों को चेतावनी देकर छोड़ दिया. मैं अपने पिता को इंसाफ दिलाने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को ट्वीट किया था, जिसका प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब भी आ गया है.
- नाजिया, पीड़िता