बरेली: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो चुके हैं. अब भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं और सरकारी योजनाओं से लोगों को मिले फायदे बता रहे हैं. पार्टी यह भी दावा कर रही कि जैसा विकास भाजपा की सरकार ने प्रदेश में किया वैसा विकास अब तक सत्तासीन रही दूसरी पार्टियों ने नहीं किया. सरकार का दावा है कि लोगों तक जितनी बुनियादी योजनाए सरकार ने पहुंचाईं हैं उतनी योजनाए किसी भी सरकार में आम जनता को नहीं मिला. सरकार के इन्ही दांवों की पड़ताल और यूपी के मन की बात जानने ईटीवी भारत की टीम आज पहुंची शहर विधान सभा के फरीदापुर चौधरी गांव में, जहां लोगों से गांव की चौपाल के जरिए चुनावी चर्चा की.
ईटीवी भारत की टीम जब लोगों से सरकारी योजनाओं और उनके लाभ के बारे में जानने के लिए निकली तो माहौल बदला सा लगा, ईटीवी भारत की टीम बरेली के शहर विधानसभा क्षेत्र के फरीदापुर चौधरी गांव में पहुंची, वहां पर जब लोगों से सरकार की योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में बात की गई तो लोग विफर पड़े. वहां मौजूद ग्रामीण मोहम्मद जफीर अतहर ने बताया कि सरकार ने योजनाएं तो ठीक-ठाक चलाई है मगर योजनाओं के प्रचार-प्रसार की कमी की वजह से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा. धरातल पर योजना जिन गरीबों के लिए बनाई गई वह इससे वंचित रहे. ऐसे लोग जो पात्र नहीं है उन लोगों ने योजनाओं का लाभ उठाया. योजनाए धरातल पर आते आते धराशाई हो जाती हैं.
मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि उनका मकान जर्जर हालत में है जो कभी भी गिर सकता है, उन्होंने बताया कि उनका मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनना था मगर सरकारी कार्यालय के ढाई साल से लगातार चक्कर काट रहे हैं फिरभी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया, आखिरकार थक हार कर वो बैठ गए.
वहीं, पर मौजूद एक ग्रामीण ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेई के समय में भारतीय जनता पार्टी के पांच साल तक सक्रिय कार्यकर्ता रहे, उन्होंने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी से अपना जुड़ाव खत्म कर दिया. उनका कहना था कि सरकारी नीतियों के वजह से उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. वहां मौजूद लोगों ने रोड की जर्जर हालात को बयां करते हुए कहा कि फरीदपुर चौधरी में मेन रोड टूटा हुआ है, ऐसा नहीं कि इधर जनप्रतिनिधि नहीं आते. यहां से जनप्रतिनिधियों का निकलना अक्सर बना रहता है फिर भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
फिलहाल विकास की बुनियाद पर 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही बीजेपी अपनी जीत का परचम दोबारा लहरा पाएगी या जीत का सेहरा किसी और पार्टी के सिर पर बंधेगा वह तो आगामी विधानसभा 2022 के चुनाव के नतीजे आने के बाद ही सामने आएगा, मगर ईटीवी भारत की टीम आपको हर जिले की विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट यानी यूपी के मन की बात से समय समय पर रूहरू करवाता रहेगा.