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बरेली: कागजों पर चल रहे थे 39 स्कूल, मांगी गई रिपोर्ट

यूपी की शिक्षा व्यवस्था किस कदर बदहाल है. इसकी बानगी बरेली में देखने को मिली. जहां 39 स्कूल 6 साल से केवल कागजों पर चल रहे हैं, लेकिन इतने समय के बाद भी शिक्षा विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी. जो शिक्षा विभाग के साथ यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं.

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Published : Jun 1, 2019, 9:39 PM IST

बरेली में कागजों पर चल रहे 39 स्कूल.

बरेली: सरकारी सिस्टम में कैसे सेंध लगाई जाती है, इसका जीता जागता उदाहरण जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था में देखने को मिला. साथ ही ऐसे सवाल बरसों से उठ रहे हैं कि साक्षरता दर रेंग क्यों रही है. पूरे प्रदेश से 427 स्कूल गायब हैं. बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से जुड़े स्कूलों की करें तो इनकी संख्या करीब 39 है. जो पिछले 6 साल से सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं. जहां दो साल से नहीं हुई परीक्षाएं आश्चर्य की बात है कि जो स्कूल पिछले 6 सालों से सर्फ कागजों में चल रहे हैं वहां दो साल से बोर्ड के एग्जाम भी नहीं हुए हैं.

बरेली में कागजों पर चल रहे 39 स्कूल.

जिले की शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

  • 6 साल से कागजों पर चल रहे 39 स्कूल.
  • शिक्षा विभाग को नहीं लगी भनक.
  • ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय बोर्ड सचिव से की बात.
  • क्षेत्रीय बोर्ड सचिव ने जांच कराकर कार्रवाई की कही बात.

इसके साथ ही यह भी पता चला है कि इन विद्यालयों में स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन तक नहीं किए गए हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कान में जूं रेंगी. सभी तरह के विद्यालय शामिल प्रदेश भर के विद्यालयों में 45 शासकीय, 2 सहायता प्राप्त व 380 वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं.


बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय परीक्षेत्र में 9 शासकीय और 30 वित्त विहीन विद्यालय हैं. बरेली मंडल में 19 ऐसे विद्यालय हैं जिनमें 11 वित्तविहीन और 8 शासकीय विद्यालय शामिल हैं. इस मसले पर जब ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय बोर्ड सचिव विनोद कृष्ण से बात की तो उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में दो साल से बोर्ड एग्जाम का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. उनकी रिपोर्ट मांगी गई है. मुख्यालय के निर्देश पर मान्यता समाप्ति से पहले प्रदेश भर में ऐसे विद्यालयों का परीक्षण कराया जा रहा है. बरेली परिक्षेत्र में ऐसे 39 विद्यालय हैं.

बरेली: सरकारी सिस्टम में कैसे सेंध लगाई जाती है, इसका जीता जागता उदाहरण जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था में देखने को मिला. साथ ही ऐसे सवाल बरसों से उठ रहे हैं कि साक्षरता दर रेंग क्यों रही है. पूरे प्रदेश से 427 स्कूल गायब हैं. बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से जुड़े स्कूलों की करें तो इनकी संख्या करीब 39 है. जो पिछले 6 साल से सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं. जहां दो साल से नहीं हुई परीक्षाएं आश्चर्य की बात है कि जो स्कूल पिछले 6 सालों से सर्फ कागजों में चल रहे हैं वहां दो साल से बोर्ड के एग्जाम भी नहीं हुए हैं.

बरेली में कागजों पर चल रहे 39 स्कूल.

जिले की शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

  • 6 साल से कागजों पर चल रहे 39 स्कूल.
  • शिक्षा विभाग को नहीं लगी भनक.
  • ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय बोर्ड सचिव से की बात.
  • क्षेत्रीय बोर्ड सचिव ने जांच कराकर कार्रवाई की कही बात.

इसके साथ ही यह भी पता चला है कि इन विद्यालयों में स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन तक नहीं किए गए हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कान में जूं रेंगी. सभी तरह के विद्यालय शामिल प्रदेश भर के विद्यालयों में 45 शासकीय, 2 सहायता प्राप्त व 380 वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं.


बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय परीक्षेत्र में 9 शासकीय और 30 वित्त विहीन विद्यालय हैं. बरेली मंडल में 19 ऐसे विद्यालय हैं जिनमें 11 वित्तविहीन और 8 शासकीय विद्यालय शामिल हैं. इस मसले पर जब ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय बोर्ड सचिव विनोद कृष्ण से बात की तो उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में दो साल से बोर्ड एग्जाम का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. उनकी रिपोर्ट मांगी गई है. मुख्यालय के निर्देश पर मान्यता समाप्ति से पहले प्रदेश भर में ऐसे विद्यालयों का परीक्षण कराया जा रहा है. बरेली परिक्षेत्र में ऐसे 39 विद्यालय हैं.

Intro:बरेली। सरकारी सिस्टम में कैसे सेंध लगाई जाती है इसका जीता जागता उदहारण प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था है। ऐसे सवाल बरसों से उठ रहे हैं कि साक्षरता दर रेंग क्यों रही है। बदहाल शिक्षा व्यवस्था के जवाब आप सुनेंगे तो होश उड़ जाएंगे।


Body:गायब हैं स्कूल गांव-गांव के बच्चे पढ़ाई को तरस रहे हैं लेकिन जो स्कूल खोले गए हैं वह गायब हैं। एक दो स्कूल नहीं बल्कि पूरे प्रदेश से 427 स्कूल गायब हैं। बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय से जुड़े स्कूलों की करें तो इनकी संख्या करीब 39 है। जो पिछले 6 साल से सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं। दो साल से नहीं हुईं परीक्षाएं आश्चर्य की बात है कि जो स्कूल पिछले 6 सालों से सर्फ कागजों में चल रहे हैं वहां दो साल से बोर्ड के एग्जाम भी नहीं हुए हैं। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि इन विद्यालयों में स्टूडेंट्स के रेजिस्ट्रेशन तक नहीं किये गए हैं। इसके बाद ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कान पर जूं रेंगी। सभी तरह के विद्यालय शामिल प्रदेश भर के विद्यालयों में 45 शासकीय, 2 सहायता प्राप्त व 380 वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं। बात अगर बरेली क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय परीक्षेत्र में 9 शासकीय और 30 वित्त विहीन विद्यालय हैं। बरेली मंडल में 19 ऐसे विद्यालय हैं जिनमें 11 वित्त विहीन और 8 शासकीय विद्यालय शामिल हैं। क्षेत्रीय बोर्ड सचिव ने दिया बयान इस मसले पर जब ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय बोर्ड सचिव विनोद कृष्ण से बात की तो उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में दो साल से बोर्ड एग्जाम का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्यालय के निर्देश पर मान्यता समाप्ति से पहले प्रदेश भर में ऐसे विद्यालयों का परीक्षण कराया जा रहा है। बरेली परिक्षेत्र में ऐसे 39 विद्यालय हैं।


Conclusion:यूपी बोर्ड के परीक्षण में हुआ इसका खुलासा। जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के आदेश जारी। अनुराग मिश्र 9450024711 8318122246

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