बरेली: जिले के जाट रेजिमेंट सेंटर के बक्शी ग्राउंड में शनिवार को अग्निवीरों के पहले बैच की पासिंग परेड का आयोजन किया गया. इसमें 164 अग्निवीरों ने देश पर मर मिटने की कसम खाई. अग्निवीरों के पहले बैच के पासिंग परेड के मौके पर आर्मी के तमाम अधिकारी मौजूद थे. अग्निवीरों के परिजनों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती किए गए पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बरेली के जाट रेजिमेंट के बक्शी मैदान में शनिवार को पासिंग परेड का आयोजन किया गया. इस पासिंग परेड में 164 अग्निवीरों ने शपथ ली. भारतीय सेवा में अग्निवीर की पासिंग परेड के दौरान अग्निविरोध के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी. इस दौरान दक्षिण-पश्चिम कमान एवम कर्नल ऑफ द जाट रेजिमेंट ने अपने संबोधन में कहा कि जाट रेजिमेंट का वीरता से भरा हुआ गौरवशाली इतिहास रहा है. अपने देश की सेवा में जाट रेजिमेंट के बहादुर जवानों ने अपना सर्वस्व बलिदान करते हुए न केवल जाट रेजिमेन्ट का अपितु राष्ट्र के गौरव को भी बढ़ाया है. उन्होंने सभी अग्निवीरों को जाट रेजिमेंट की इस वीर गाथा को आगे भी जारी रखने हेतु प्रोत्साहित किया. साथ ही सभी से भारतीय सेना की गौरवशाली परम्परा का निर्वहन करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए अपनी प्रबल इच्छा जाहिर की. प्रत्येक अग्निवीर को देश की सुरक्षा में तत्पर रहने के दौरान अनुशासन में रहकर सैनिक मूल्यों और सैन्य-धर्म का पालन करने और अपने देश के प्रति वफादार रहने हेतु प्रेरित किया.
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मुख्य अतिथि लेफ्टि. जनरल बी. एस. राजू ने अग्निवीरों के साथ बातचीत करते हुए उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अग्निवीरों का भविष्य उज्ज्वल है. प्रत्येक को अपना हौसला बुलंद रखना है. उन्होंने कहा कि इस अवसर से उन्हें जो अनुभव प्राप्त होगा वह जीवन भर गौरव का स्त्रोत रहेगा. मुख्य अतिथि महोदय ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तैनात होने से अग्निवीरों को विविध अनुभव प्राप्त होगा. उन्हें विभिन्न भाषाओं और विभिन्न संस्कृतियों को देखने और समझने का अवसर प्राप्त होगा.यह अवसर न केवल अग्निवीरों के लिए अति महत्त्वपूर्ण अवसर था. बल्कि उनके परिवारजनों के लिए भी एक यादगार पल था. जिनके समक्ष 164 अग्निवीरों ने देश पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने लिए अपना अंतिम पग रखा. सम्मान स्वरूप प्रत्येक अग्निवीर के परिवारों को राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करने के हेतु एक गौरव पदक भी भेंट किया गया. इस भव्य समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में बरेली मिलिट्री स्टेशन के लोग उपस्थित थे.
वाराणसी में भी हुई पासिंग परेड
वाराणसी में भी आज प्रथम अग्निवीर बैच के 10 अग्निवीरों ने 39 जीटीसी के ड्रिल ग्राउंड में शानदार परेड के साथ अंतिम पग को पार कर भारतीय सेना की 3 और 9 गोरखा राइफल्स में शामिल हुए. परेड की सलामी ब्रिगेडियर राजीव नाग्याल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, कमान्डेंट 39 जीटीसी द्वारा ली गई. वहीं, 31 सप्ताह के बेसिक और एडवांस मिलिट्री ट्रेनिंग के पश्चात् इन अग्निवीरों का एक सामान्य युवा से अनुशासित सैनिक के रूप में उदभव हुआ है. यह पासिंग आउट परेड 39 जीटीसी में दी जाने वाली कठिन प्रशिक्षण की परिणति है. जिसकी बदौलत इन युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बनाकर युद्ध के लिए तैयार किया गया.
कमान्डेंट 39 जीटीसी ने अग्निवीर प्रथम बैच के नौजवान अग्निवीरों को उनके कठिन परिश्रम एवं शानदार प्रदर्शन पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए प्रोत्साहित किया. अपने संबोधन में उन्होंने ट्रेनिंग के महत्व को बताते हुए नए अग्निवीरों को अपने देश एवं वर्दी पर गर्व करने को कहा और उन्हें उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएं दी.
नौजवान सैनिकों के माता-पिता अपने बच्चों में जिम्मेवारी की इस भावना को देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. इस ऐतिहासिक समारोह का समापन युवा सैनिकों के माता-पिता को "गौरव पदक' प्रदान कर किया गया.यह पदक देश के प्रति उनके त्याग और समर्पण का प्रतीक है.
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