ETV Bharat / state

बरेली : 11 साल का मासूम अपनों से बिछड़ा

बरेली में पिछले साल 3 दिसंबर से 11 वर्षीय लड़का माता-पिता की तलाश कर रहा है. दरअसल लड़का माता-पिता से नाराज होकर दादी के घर नेपाल जा रहा था, लेकिन पता भूल गया. जिसके बाद महाराजगंज बाल कल्याण समिति के अधिकारी बच्चे को लेकर उसके परिजनों की तलाश में हैं.

जानकारी देता गुमशुदा बच्चा.
author img

By

Published : Apr 14, 2019, 10:28 PM IST

बरेली : रेलवे चाइल्ड लाइन के पास एक ऐसा बच्चा है, जो पिछले 3 दिसंबर 2018 से अपने मां-बाप की तलाश में है. वह अभी तक अपने परिवार से नहीं मिल सका है. बच्चा अपने मां-बाप से नाराज होकर अपनी दादी से मिलने नेपाल जा रहा था, दादी का पता भूल गया, जिसके बाद महाराजगंज बाल कल्याण समिति के अधिकारी बच्चे को लेकर उसके अपनों की तलाश में जुट गए हैं.

जानकारी देता गुमशुदा बच्चा.
  • परिवार से मिलाने के प्रयास में है अधिकारी.
  • रेलवे चाइल्ड लाइन में बैठा यह मासूम 11 साल का अनुराग है.
  • मासूम 3 दिसंबर 2018 से अपनों की तलाश में भटक रहा है.
  • मासूम को उसके परिवार से मिलाने के लिए बाल कल्याण समिति के अधिकारी भी प्रयास में लगे हुए हैं.
  • अभी तक बच्चे के परिजनों का कोई पता नहीं चल सका है.

माता-पिता से नाराज होकर जा रहा था दादी के घर
अनुराग ने बताया कि वह अपनी दादी के पास नेपाल जा रहा था, लेकिन पता भूल गया. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने बच्चों को कब्जे में लेकर उसके अपनों की तलाश शुरू कर दी है. बच्चे ने बताया कि वह बरेली के ठाकुराइन गांव का है. उसकी मां का नाम माया है और पिता छोले भटूरे बेचते हैं.


अधिकारी परिवार से मिलाने को लेकर है गंभीर
चाइल्ड लाइन के काउंसलर बच्चे के बताए पते के अनुसार बरेली के ठकुराइन गांव गए, लेकिन वहां बच्चे के मां-बाप का पता नहीं चल सका. बच्चे को अपने परिवार से बिछड़े हुए काफी दिन हो गए हैं. इधर चाइल्ड लाइन के अधिकारी भी काफी गंभीर है कि बच्चा अपने मां-बाप के पास पहुंच जाए. बच्चा भी दिन-रात परिवार को याद कर रहा है.

बरेली : रेलवे चाइल्ड लाइन के पास एक ऐसा बच्चा है, जो पिछले 3 दिसंबर 2018 से अपने मां-बाप की तलाश में है. वह अभी तक अपने परिवार से नहीं मिल सका है. बच्चा अपने मां-बाप से नाराज होकर अपनी दादी से मिलने नेपाल जा रहा था, दादी का पता भूल गया, जिसके बाद महाराजगंज बाल कल्याण समिति के अधिकारी बच्चे को लेकर उसके अपनों की तलाश में जुट गए हैं.

जानकारी देता गुमशुदा बच्चा.
  • परिवार से मिलाने के प्रयास में है अधिकारी.
  • रेलवे चाइल्ड लाइन में बैठा यह मासूम 11 साल का अनुराग है.
  • मासूम 3 दिसंबर 2018 से अपनों की तलाश में भटक रहा है.
  • मासूम को उसके परिवार से मिलाने के लिए बाल कल्याण समिति के अधिकारी भी प्रयास में लगे हुए हैं.
  • अभी तक बच्चे के परिजनों का कोई पता नहीं चल सका है.

माता-पिता से नाराज होकर जा रहा था दादी के घर
अनुराग ने बताया कि वह अपनी दादी के पास नेपाल जा रहा था, लेकिन पता भूल गया. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने बच्चों को कब्जे में लेकर उसके अपनों की तलाश शुरू कर दी है. बच्चे ने बताया कि वह बरेली के ठाकुराइन गांव का है. उसकी मां का नाम माया है और पिता छोले भटूरे बेचते हैं.


अधिकारी परिवार से मिलाने को लेकर है गंभीर
चाइल्ड लाइन के काउंसलर बच्चे के बताए पते के अनुसार बरेली के ठकुराइन गांव गए, लेकिन वहां बच्चे के मां-बाप का पता नहीं चल सका. बच्चे को अपने परिवार से बिछड़े हुए काफी दिन हो गए हैं. इधर चाइल्ड लाइन के अधिकारी भी काफी गंभीर है कि बच्चा अपने मां-बाप के पास पहुंच जाए. बच्चा भी दिन-रात परिवार को याद कर रहा है.

Intro:11 साल का मासूम अपनों से बिछड़ा ,3 दिसंबर 2018 से चाइल्डलाइन के कर्मचारी बच्चे के मां-बाप की कर रहे तलाश बच्चे ने अपना नाम अनुराग बताया
बरेली रेलवे चाइल्ड लाइन के पास एक ऐसा बच्चा है जो पिछले 3 दिसंबर 2018 से अपने मां-बाप की तलाश में है लेकिन वह अभी तक अपने परिवार से नहीं मिल सका है बच्चा अपने मां बाप से नाराज होकर अपनी दादी से मिलने नेपाल जा रहा था लेकिन अपनी दादी का पता भूल गया जिसके बाद महाराजगंज बाल कल्याण समिति के अधिकारी बच्चे को लेकर उसके अपनों की तलाश में जुट गए हैं


Body:रेलवे चाइल्ड लाइन में बैठा यह मासूम 11 साल का अनुराग है जो 3 दिसंबर 218 से अपनो की तलाश में भटक रहा है मासूम अनुराग को उसके परिवार से मिलाने के लिए बाल कल्याण समिति के अधिकारी भी प्रयास में लगे हुए हैं लेकिन बच्चे के परिजनों का कोई पता नहीं चल सका है
बाइट:-विकास कुमार (बाल कल्याण समिति के अधिकारी)
बाइट:- अनुराग (खोया हुआ बच्चा)
अनुराग ने बताया कि वह अपनी दादी के पास नेपाल जा रहा था। लेकिन पता भूल गया जिसके बाद बाल कल्याण समिति ने बच्चों को कब्जे में लेकर उसके अपनों की तलाश शुरू कर दी है। बच्चे ने बताया कि वह बरेली के ठाकुराइन गांव का है उसकी मां का नाम माया है और उसके पिता छोले भटूरे का काम करते हैं चाइल्डलाइन के काउंसलर बच्चे के बताए पते के अनुसार बरेली के ठकुराइन गांव गए लेकिन वहां बच्चे के मां बाप का पता नहीं चल सका।


Conclusion:काफी दिन हो गए हैं बच्चे को अपने परिवार से बिछड़े हुए इधर चाइल्ड लाइन के अधिकारी भी काफी गंभीर है कि बच्चा अपने मां बाप के पास पहुंच जाए। उधर बच्चा भी दिन रात अपने परिवार को याद कर रहा है।
नोट:- इस खबर के विशुअल मेल से भेज दिया है स्क्रिप्ट मौजों से भेज दी है
बरेली से रंजीत शर्मा ईटीवी भारत 9536666643
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.