लखनऊ : हवाला के पैसों को फाइनेंस कंपनियों में खपाने के मामले में परिवहन विभाग की ओर से जिन कंपनियों व फर्मों को बैन किया गया है, उन्हें लोन एक्सचेंज का विकल्प दिया जाएगा. हालांकि इसमें जांच चलती रहेगी. परिवहन विभाग की मंशा है कि इससे राजस्व को नुकसान न हो, इसके अलावा कंपनियों की भी हानि न हो.
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 20 फाइनेंस कंपनियों को बैन किया गया है. उन्हें एक मौका दिया जाएगा कि वे अपना लोन एक्सचेंज कर लें. यह लोन एक्सचेंज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अप्रूव्ड कंपनियों के साथ किया जाएगा. उसके जरिए इनके लोन का भुगतान किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि सभी कंपनियों को यह विकल्प दिया जा रहा है. इसमें जो भी सहमत होगा, उसको लोन पूरा करने का मौका मिलेगा. इसके अलावा उनका प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा, जब तक वे अपनी कंपनियों का आरबीआई अप्रूवल लाकर न दे दें. लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) पीके सिंह ने बताया कि कंपनियों और फर्म को सूचना भेज दी गई है. शीघ्र ही यह प्रक्रिया कराई जाएगी.
पढ़िए क्या है पूरा मामला : गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस कंपनियों की मदद से हवाला कारोबार से आने वाली रकम और ब्लैक मनी को लीगल बनाया जा रहा था. इसमें साहूकारी व्यवस्था में भी वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था. कई ऐसी फाइनेंस कंपनियां सामने आईं जिनके मूल व्यवसाय का पता नहीं था. मामला सामने आने के बाद 20 कंपनियों को बैन कर दिया गया था.
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