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ठंड के मौसम में स्किन डिजीज से बचने के लिए अपनाएं आयुर्वेद के ये टिप्स... - AVOID SKIN RELATED DISEASES

सर्दी के मौसम में ठंड की वजह से हमारी त्वचा में महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं, जिसमें स्किन ड्राइनेस समेत अन्य स्किन डिजीज हो सकती है...

To avoid skin related diseases in cold weather, follow these tips of Ayurveda
ठंड के मौसम में स्किन डिजीज से बचने के लिए अपनाएं आयुर्वेद के ये टिप्स (CANVA)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Nov 23, 2024, 7:02 AM IST

सर्दियों के मौसम की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में इस मौसम में स्किन ड्राई होने के कारण कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती है. आयुर्वेद पद्धति में त्वचा संबंधी रोग का कारगर इलाज है. वही आयुर्वेद पद्धति से इलाज लेने पर कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है. आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा से जानिए सर्दी में होने वाले स्किन रिलेटेड डिजीज के कारण, लक्षण और इलाज संबंधी हेल्प टिप्स...

संभाग के बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा बताते हैं कि आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ के सही संतुलन से ही व्यक्ति स्वस्थ रहता है. जबकि उनके असंतुलित होने पर व्यक्ति कई तरह के रोग से ग्रसित हो जाता है. इसी तरह सर्दी के मौसम में भी शरीर के भीतर और बाहरी वातावरण में वायु की अधिकता होने से स्किन ड्राई हो जाती है. जिस कारण कई तरह के त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं.

इनमें बालों में डैंड्रफ, त्वचा का ड्राई और सफेद होना, खुजली होना, होंठ फटना, दाद का बढ़ना, जगह-जगह घाव होना आदि शामिल है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि त्वचा संबंधी यह रोग घातक नहीं है लेकिन यह रोग रोगी को काफी परेशान कर देते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शरीर में वायु का सबसे दुष्कृत प्रभाव त्वचा पर पड़ता है. इससे त्वचा शुष्क हो जाती है. वहीं सर्द हवाओं के कारण भी शरीर की त्वचा से चिकनाई सूख जाती है. इसका एक कारण यह भी है कि सर्दी में लोग पानी कम पीते है. जिससे वायु दोष होकर त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं.

त्वचा संबंधी रोग से बचाव के लिए यह करें...
डॉ. मिश्रा बताते है कि सर्दी में अक्सर लोग कम पानी पीते है. लेकिन, उन्हें इससे बचना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. डॉ. मिश्रा का कहना है कि पानी के साथ- साथ लोगों को रसदार फलों का सेवन या उसका रस पीना चाहिए. इस मौसम में चिकनाई युक्त भोजन करना फायदेमंद होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को इस मौसम में मलाईदार गर्म दूध, भोजन में देसी घी और तिल के तेल को शामिल करना चाहिए.

डॉ. मिश्रा का कहना हे कि सर्दी का के मौसम में चिकनाई युक्त मोटा अनाज से बने खाद्य पदार्थों का सेवन भी असरदार होता है. जैसे कि देसी घी में बना गर्म हलवा, गर्म पात, गर्म सूप , गजक और मूंगफली आदि. इनके अलावा मोटे गुद्दे वाली सब्जियां, हरी सब्जियों का सेवन करें. उन्होंने यह भी बताया कि शरीर पर रोज सरसो, नारियल या तिल के तेल से मालिश करें. ऐसे करने से स्किन ड्राईनेस से बचा जा सकता है.

डॉ. बीएल मिश्रा, JLN अस्पताल, अजमेर (ETV Bharat)

यह ना करें
आयुर्वेद विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा बताते है कि सर्दी में त्वचा संबंधी रोग से बचने के लिए सर्द मौसम में ज्यादा ठंडे और ज्यादा गर्म पानी से नही नहाए. सर्दी से बचाव रखने के लिए पर्याप्त कपड़े पहने. ठंडी खाद्य वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करें खासकर बासी भोजन का सेवन बिल्कुल नही करें. इसके अलावा सर्दी खट्ठी छाछ नही पीए. वही सर्दी से बचाव के चक्कर में हीटर और आग के सीधे संपर्क में ना आए. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में औषधीय से भी त्वचा संबंधी रोगों का इलाज कारगर है. आयुर्वेद औषधियां से शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हमने यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान की है)

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सर्दियों के मौसम की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में इस मौसम में स्किन ड्राई होने के कारण कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती है. आयुर्वेद पद्धति में त्वचा संबंधी रोग का कारगर इलाज है. वही आयुर्वेद पद्धति से इलाज लेने पर कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है. आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा से जानिए सर्दी में होने वाले स्किन रिलेटेड डिजीज के कारण, लक्षण और इलाज संबंधी हेल्प टिप्स...

संभाग के बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा बताते हैं कि आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ के सही संतुलन से ही व्यक्ति स्वस्थ रहता है. जबकि उनके असंतुलित होने पर व्यक्ति कई तरह के रोग से ग्रसित हो जाता है. इसी तरह सर्दी के मौसम में भी शरीर के भीतर और बाहरी वातावरण में वायु की अधिकता होने से स्किन ड्राई हो जाती है. जिस कारण कई तरह के त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं.

इनमें बालों में डैंड्रफ, त्वचा का ड्राई और सफेद होना, खुजली होना, होंठ फटना, दाद का बढ़ना, जगह-जगह घाव होना आदि शामिल है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि त्वचा संबंधी यह रोग घातक नहीं है लेकिन यह रोग रोगी को काफी परेशान कर देते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शरीर में वायु का सबसे दुष्कृत प्रभाव त्वचा पर पड़ता है. इससे त्वचा शुष्क हो जाती है. वहीं सर्द हवाओं के कारण भी शरीर की त्वचा से चिकनाई सूख जाती है. इसका एक कारण यह भी है कि सर्दी में लोग पानी कम पीते है. जिससे वायु दोष होकर त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं.

त्वचा संबंधी रोग से बचाव के लिए यह करें...
डॉ. मिश्रा बताते है कि सर्दी में अक्सर लोग कम पानी पीते है. लेकिन, उन्हें इससे बचना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. डॉ. मिश्रा का कहना है कि पानी के साथ- साथ लोगों को रसदार फलों का सेवन या उसका रस पीना चाहिए. इस मौसम में चिकनाई युक्त भोजन करना फायदेमंद होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को इस मौसम में मलाईदार गर्म दूध, भोजन में देसी घी और तिल के तेल को शामिल करना चाहिए.

डॉ. मिश्रा का कहना हे कि सर्दी का के मौसम में चिकनाई युक्त मोटा अनाज से बने खाद्य पदार्थों का सेवन भी असरदार होता है. जैसे कि देसी घी में बना गर्म हलवा, गर्म पात, गर्म सूप , गजक और मूंगफली आदि. इनके अलावा मोटे गुद्दे वाली सब्जियां, हरी सब्जियों का सेवन करें. उन्होंने यह भी बताया कि शरीर पर रोज सरसो, नारियल या तिल के तेल से मालिश करें. ऐसे करने से स्किन ड्राईनेस से बचा जा सकता है.

डॉ. बीएल मिश्रा, JLN अस्पताल, अजमेर (ETV Bharat)

यह ना करें
आयुर्वेद विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएल मिश्रा बताते है कि सर्दी में त्वचा संबंधी रोग से बचने के लिए सर्द मौसम में ज्यादा ठंडे और ज्यादा गर्म पानी से नही नहाए. सर्दी से बचाव रखने के लिए पर्याप्त कपड़े पहने. ठंडी खाद्य वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करें खासकर बासी भोजन का सेवन बिल्कुल नही करें. इसके अलावा सर्दी खट्ठी छाछ नही पीए. वही सर्दी से बचाव के चक्कर में हीटर और आग के सीधे संपर्क में ना आए. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में औषधीय से भी त्वचा संबंधी रोगों का इलाज कारगर है. आयुर्वेद औषधियां से शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हमने यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान की है)

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