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दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या करने के दोषी को आजीवन कारावास, 10 साल बाद मिली सजा

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Published : Jul 20, 2023, 10:40 PM IST

बाराबंकी में अलाव तापने को लेकर युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में दस साल बाद कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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बाराबंकी: दस साल पहले जनवरी में ठंड से बचाव के लिए आग तापने को लेकर हुई धक्का मुक्की के बाद एक युवक की हत्या करने के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने सुनाया है.


अभियोजक अधिकारी फौजदारी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि नगर कोतवाली के गदिया गांव के रहने वाले वादी जब्बार अली ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि 06 जनवरी 2013 को करीब साढ़े 11 बजे उसका भाई निसार अहमद गांव में ही ठंडक से बचाव के लिए जिलानी की पान की गुमटी के पास अलाव जल रहा था. वहां पर बैठकर निसार आग ताप रहा था. इस दौरान गांव के कई और लोग भी अलाव ताप रहे थे. गदिया गांव के ही रहने वाले शकील का साला अफजाल उर्फ राजू पुत्र महबूब अली निवासी मोहल्ला बेलग्राम कस्बा व थाना जैदपुर भी अपने लड़के छोटू के साथ आग ताप रहा था. बैठने को लेकर निसार से धक्का मुक्की हो गई. इसके बाद मेरा भाई निसार गांव के बाहर नहर की ओर शौच करने चला गया. अलाव के पास निसार से हुई धक्का मुक्की से नाराज अफजाल उर्फ राजू ने बेटे छोटू के साथ मिलकर उसके भाई के पेट में चाकू भोंक दिया. चाकू के हमले से घायल निसार चीखता चिल्लाता हुआ भागा और नहर की पुलिया के पास आकर गिर गया. शोरगुल पर वह और उसके भाई समेत ग्रामीण मौके पर पहुंचे.

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घायल निसार को सफेदाबाद के अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नगर कोतवाली में आरोपी अफजल उर्फ राजू के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन विवेचक ने विवेचना शुरू की. विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन कर आरोपी अफजल के विरुद्ध 302 आईपीसी में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने आरोपी अफजल उर्फ राजू को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.


यह भी पढ़े-स्ट्रीट लाइट पोल की चपेट में आने से दो भाइयों की मौत, परिजनों ने किया चक्काजाम

बाराबंकी: दस साल पहले जनवरी में ठंड से बचाव के लिए आग तापने को लेकर हुई धक्का मुक्की के बाद एक युवक की हत्या करने के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने सुनाया है.


अभियोजक अधिकारी फौजदारी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि नगर कोतवाली के गदिया गांव के रहने वाले वादी जब्बार अली ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि 06 जनवरी 2013 को करीब साढ़े 11 बजे उसका भाई निसार अहमद गांव में ही ठंडक से बचाव के लिए जिलानी की पान की गुमटी के पास अलाव जल रहा था. वहां पर बैठकर निसार आग ताप रहा था. इस दौरान गांव के कई और लोग भी अलाव ताप रहे थे. गदिया गांव के ही रहने वाले शकील का साला अफजाल उर्फ राजू पुत्र महबूब अली निवासी मोहल्ला बेलग्राम कस्बा व थाना जैदपुर भी अपने लड़के छोटू के साथ आग ताप रहा था. बैठने को लेकर निसार से धक्का मुक्की हो गई. इसके बाद मेरा भाई निसार गांव के बाहर नहर की ओर शौच करने चला गया. अलाव के पास निसार से हुई धक्का मुक्की से नाराज अफजाल उर्फ राजू ने बेटे छोटू के साथ मिलकर उसके भाई के पेट में चाकू भोंक दिया. चाकू के हमले से घायल निसार चीखता चिल्लाता हुआ भागा और नहर की पुलिया के पास आकर गिर गया. शोरगुल पर वह और उसके भाई समेत ग्रामीण मौके पर पहुंचे.

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घायल निसार को सफेदाबाद के अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नगर कोतवाली में आरोपी अफजल उर्फ राजू के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन विवेचक ने विवेचना शुरू की. विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन कर आरोपी अफजल के विरुद्ध 302 आईपीसी में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (ईसी ऐक्ट) उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने आरोपी अफजल उर्फ राजू को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.


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