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बाराबंकी: रेलवे की लापरवाही से युवती की मौत, स्ट्रेचर न मिलने पर चादर में लपेट एंबुलेंस तक पहुंचाया

रेलवे प्रशासन की लापरवाही के चलते एक युवती की मौत हो गई. बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर मरीज को स्ट्रेचर न मिलने पर परिजनों ने मरीज को चादर में लपेटकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. वहीं अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि युवती की मौत करीब एक घंटे पहले हो चुकी है.

रेलवे की लापरवाही से युवती की मौत.
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Published : Jun 10, 2019, 10:18 AM IST

बाराबंकी: बहराइच के जरवल रेलवे स्टेशन एक महिला यात्री की तबीयत अचानक खराब हो गई. इस पर परिजनों ने रेलवे प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. इसके बाद परिजनों ने खुद एंबुलेंस को फोन कर मरीज को चादर में लपेट कर एंबुलेंस तक पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने युवती को मृत घोषित कर दिया.

रेलवे की लापरवाही के चलते युवती ने तोड़ दम.

क्या है पूरा मामला

  • परिजनों ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ संत कबीर नगर के खलीलाबाद से मुंबई के लिए बांद्रा एक्सप्रेस से निकले थे.
  • बहराइच के जरवल रेलवे स्टेशन पर उनके परिवार की सदस्य चांदनी गुप्ता की तबीयत खराब हो गई.
  • परिजनों ने इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी, लेकिन करीब एक घंटे तक प्रशासन की तरफ से कोई भी मदद नहीं की गई.
  • इसके बाद परिजनों ने खुद एंबुलेंस को फोन किया और बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर गाड़ी रुकवाकर मरीज को गाड़ी से उतारा.
  • बाराबंकी रेलवे प्रशासन की तरफ से स्ट्रेचर भी न मिलने पर परिजनों ने मरीज को चादर में लपेटकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.
  • अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने युवती को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों का कहना था कि इसकी करीब एक घंटे पहले ही मौत हो चुकी है.

'चांदनी गुप्ता नाम की एक मरीज को इलाज के लिए लाया गया था लेकिन अस्पताल आने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी'.
- डॉ. विनायक, चिकित्सक, जिला अस्पताल

'कंट्रोल द्वारा एक यात्री के ट्रेन से गिरने की सूचना मिली थी, सूचना मिलने के बाद हमने एंबुलेंस बुलाकर उसे सिविल अस्पलात भेज दिया है. इसके साथ ही एक महिला के बेहोश होने की सूचना भी मिली थी, महिला को भी उसी एंबुलेंस से सिविल अस्पताल भेज दिया गया. और जहां तक स्ट्रेचर न मिलने की बात है तो अगर स्ट्रेचर लेने आते तो काफी टाइम व्यर्थ होता इसलिए उसे जल्दी से चादर में लपेटकर अस्पताल भेज दिया गया'.
- सत्येंद्र कुमार, स्टेशन मास्टर, बाराबंकी

बाराबंकी: बहराइच के जरवल रेलवे स्टेशन एक महिला यात्री की तबीयत अचानक खराब हो गई. इस पर परिजनों ने रेलवे प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. इसके बाद परिजनों ने खुद एंबुलेंस को फोन कर मरीज को चादर में लपेट कर एंबुलेंस तक पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने युवती को मृत घोषित कर दिया.

रेलवे की लापरवाही के चलते युवती ने तोड़ दम.

क्या है पूरा मामला

  • परिजनों ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ संत कबीर नगर के खलीलाबाद से मुंबई के लिए बांद्रा एक्सप्रेस से निकले थे.
  • बहराइच के जरवल रेलवे स्टेशन पर उनके परिवार की सदस्य चांदनी गुप्ता की तबीयत खराब हो गई.
  • परिजनों ने इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी, लेकिन करीब एक घंटे तक प्रशासन की तरफ से कोई भी मदद नहीं की गई.
  • इसके बाद परिजनों ने खुद एंबुलेंस को फोन किया और बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर गाड़ी रुकवाकर मरीज को गाड़ी से उतारा.
  • बाराबंकी रेलवे प्रशासन की तरफ से स्ट्रेचर भी न मिलने पर परिजनों ने मरीज को चादर में लपेटकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.
  • अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने युवती को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों का कहना था कि इसकी करीब एक घंटे पहले ही मौत हो चुकी है.

'चांदनी गुप्ता नाम की एक मरीज को इलाज के लिए लाया गया था लेकिन अस्पताल आने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी'.
- डॉ. विनायक, चिकित्सक, जिला अस्पताल

'कंट्रोल द्वारा एक यात्री के ट्रेन से गिरने की सूचना मिली थी, सूचना मिलने के बाद हमने एंबुलेंस बुलाकर उसे सिविल अस्पलात भेज दिया है. इसके साथ ही एक महिला के बेहोश होने की सूचना भी मिली थी, महिला को भी उसी एंबुलेंस से सिविल अस्पताल भेज दिया गया. और जहां तक स्ट्रेचर न मिलने की बात है तो अगर स्ट्रेचर लेने आते तो काफी टाइम व्यर्थ होता इसलिए उसे जल्दी से चादर में लपेटकर अस्पताल भेज दिया गया'.
- सत्येंद्र कुमार, स्टेशन मास्टर, बाराबंकी

Intro: बाराबंकी, 10 जून । रेलवे प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही से एक बार फिर मानवता को गहरा धक्का लगा है. बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर गंभीर हालत में पेशेंट को नहीं मिं स्ट्रेचर. जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने बताया हो चुकी है मौत. रेलवे का कोई भी स्टाफ सहायता करने के लिए नहीं आया. परिजनों ने चादर में लपेट गोद में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने कहा 1 घंटे पहले हो चुकी है मौत.
संत कबीर नगर से मुंबई जा रहा था परिवार, बहराइच जनपद के जनरल रेलवे स्टेशन से संदेश भेजा गया था. यह पूरी घटना बाराबंकी जंक्शन रेलवे स्टेशन की है.


Body:रेलवे स्टेशन बाराबंकी पर आज ऐसा नजारा दिखा, जिसमें रेलवे की लापरवाही उजागर होने के साथ-साथ, मानवता भी शर्मसार हो गई. जहां मोदी सरकार यात्रियों को बड़ी-बड़ी सुविधाएं देने की बात करती है, वहीं इस प्रकार की लापरवाही से रेलवे प्रशासन की कलई खुल गई. सूचना देने के बाद भी समय पर सुविधा न मिलने से जहां एक यात्री की मौत हो गई. वहीं स्टेशन पर पहुंचने पर उसके परिजन एंबुलेंस तक उसे चादर में उठाकर ले गए.
बताते चलें कि 24 वर्षीय मृतका के परिजनों ने बताया कि,वह अपने परिवार के साथ संत कबीर नगर के खलीलाबाद से मुंबई के लिए, बांद्रा एक्सप्रेस से निकले थे. उनकी यात्रा को थोड़े ही समय बीते थे कि बहराइच जनपद के जरवल रेलवे स्टेशन पर उनके परिवार की एक सदस्य चांदनी गुप्ता 24 वर्ष की तबीयत खराब हो गई. चांदनी की खराब हालत का संदेश बाराबंकी रेलवे स्टेशन को दे दिया गया कि ,वहां रेलवे प्रशासन इस संदर्भ में मदद करेगा, जो भी नियम भी है. लेकिन रेलवे प्रशासन ने इनकी कोई मदद नहीं की, बल्कि इन्हें खुद एंबुलेंस को कॉल करके मंगवाना पड़ा. हद तो तब हो गई जब रेलवे स्टेशन पर सूचना के बावजूद भी, इनके लिए स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई. परिजनों ने एंबुलेंस तक गंभीर रूप से बीमार को स्ट्रेचर की जगह, चादर में लपेटकर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा.
परिजनों ने बताया कि जब गार्ड से उन्होंने मदद मांगी तो वह भी अभी आने का बहाना करके निकल गए.
बाराबंकी के जिला अस्पताल में मौके पर तैनात डॉ. विनायक ने बताया कि जो मरीज उनके पास लाया गया था ,वह चांदनी गुप्ता थी . मगर उनके अस्पताल आने से पूर्व ही उनकी मौत हो चुकी थी.
वही बाराबंकी जंक्शन के स्टेशन मास्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें कंट्रोल रूम द्वारा सूचना मिली थी कि एक युवक चोटिल हुआ है जिसे जिला अस्पताल भेजा गया. जब उनसे चांदनी गुप्ता के बारे में कहां गया तो ,उन्होंने बताया कि उसके बेहोश होने की सूचना उन्हें मिली थी. उसे भी एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा गया है. स्ट्रेचर ना मिलने के सवाल पर वह इधर-उधर देखते नजर आए और और कहा कि यदि स्ट्रेचर लेने के लिए वह आते तो देर हो जाती. क्योंकि समय कम था इसलिए उसे लोगों ने चादर में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.


Conclusion:अब सवाल यहां यह उठता है कि, जब जरवल रेलवे स्टेशन से ही सूचना दे दी गई थी तो ,आखिर पहले से स्ट्रेचर की व्यवस्था क्यों नहीं की गई ? इस पूरे घटनाक्रम में रेलवे विभाग की लापरवाही साफ नजर आती है यदि समय रहते प्रयास किया गया होता तो 24 वर्षीय युवती की जान बचाई जा सकती थी.
यह घटना एक नजीर है कि जिस प्रकार से रेलवे विभाग और सरकारें दावा करती हैं, इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि, ट्रेन में सफर कर रहे लोगों के लिए, किसी भी प्रकार की सुविधा का उपलब्ध होना आकस्मिक घटनाओं में लगभग असंभव है.
यदि जरवल रेलवे स्टेशन पर इस प्रकार की घटना हुई है, बीच में संबंधित जिला अस्पताल से संपर्क करके डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया, और बाराबंकी पहुंचने पर भी संवेदनहीनता दिखाई गई. जो किसी भी स्वरूप में ठीक नहीं कहा जा सकता.


bite

1- जितेंद्र गुप्ता, मृतका के बहनोई एवं यात्री

2- सतेंद्र कुमार, स्टेशन मास्टर, बाराबंकी

3-डा. विनायक , ई. एम. ओ. बाराबंकी जिला अस्पताल





रिपोर्ट- आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर  बाराबंकी 9628 4769 07


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