बाराबंकी: जिले में तीन दिन पहले हुई एक अधिवक्ता की सनसनीखेज हत्या का बुधवार को पुलिस ने खुलासा किया है. खुलासा हुआ तो सभी हैरान रह गए. दरअसल, युवा अधिवक्ता की पत्नी ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दे डाला. पुलिस ने मृतक अधिवक्ता की पत्नी, उसके प्रेमी और प्रेमी के एक साथी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अभियुक्त के कब्जे से आलाकत्ल चाकू बरामद किया है.
बताते चलें कि बीती 5 सितंबर को सुबह नगर कोतवाली के भाजपा कार्यालय के समीप नारेपुरवा इलाके में एक सुनसान जगह पर युवा अधिवक्ता कुलदीप रावत का गला रेता शव बरामद हुआ था. मृतक के भाई और मां ने कुलदीप की पत्नी पर ही हत्या कराने का शक जाहिर किया था. पुलिस ने इसी थ्योरी पर काम शुरू किया, तो एक-एक कर कड़ियां जुड़ने लगी और फिर हत्याकांड का खुलासा हो गया.
मृतक कुलदीप रावत की शादी 7-8 वर्ष पूर्व रीता उर्फ लक्ष्मी से हुआ था. इनका एक 4 वर्षीय बेटा भी है. कुलदीप की पत्नी नगर कोतवाली के आजादनगर में 2 वर्षों से लक्ष्मी नाम से ब्यूटीपार्लर चलाती है. कुलदीप रोज पत्नी को घर से लाता था और उसे ब्यूटी पार्लर पर छोड़कर कचहरी चला जाता था. फिर शाम को लौटकर दुकान आता था. यहां वह भी सिलाई का काम करता था और रात 9 बजे दोनों छेदा पुरवा घर चले जाते थे. इसी दौरान कुलदीप की पत्नी का मंटू टेंट एंड लाइट हाउस चलाने वाले मंटू उर्फ विवेक वर्मा से अवैध सम्बंध हो गया. दोनों अक्सर फोन से बात करते थे. इस दौरान मंटू उर्फ विवेक मृतक की पत्नी की मदद भी करता था, जब भी कोई शादी के संबंध में टेंट की बुकिंग कराने आता था, तो मंटू दुल्हन सजाने के लिए लक्ष्मी ब्यूटी पार्लर को ऑर्डर दिलवाता था. इस तरह दोनों एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए थे.
पत्नी द्वारा मंटू से लगातार बात करना कुलदीप को अच्छा नहीं लगता था. लिहाजा कुछ दिनों पहले मृतक ने अपनी पत्नी का मोबाइल छीनकर तोड़ दिया था. उसके बाद से मंटू लगातार रीता पर शादी करने का दबाव बना रहा था, लेकिन रीता ने कहा कि तलाक ले लूं, तो दोनों शादी कर लेंगे. तलाक की बात जब रीता ने कुलदीप से की, तो उसने मना कर दिया, जिससे रीता उससे छुटकारे की योजना बनाने लगी. इसके बाद रीता और मंटू ने मिलकर कुलदीप की हत्या की योजना बनाई और इस योजना में इन्होंने ब्यूटी पार्लर के बगल में मोबाइल की दुकान चलाने वाले पंकज कुमार यादव को भी शामिल कर लिया और उसे पैसे देने का लालच भी दिया.
योजना के अनुसार पंकज द्वारा फोन करके एक निर्धारित स्थान पर जमीन बेचने की बात कहकर कुलदीप को बुलाना था. फिर मंटू को उसकी हत्या करनी थी. तीनों ने इस योजना पर एक हफ्ते पहले से ही अमल करने के लिए काम शुरू कर दिया. पंकज ने मृतक कुलदीप से एक जमीन बेचवाने की बात कही, जिस पर उसे 3-4 लाख रुपये कमीशन देने को कहा और बीती 4 सितम्बर को जमीन दिखाने को कहा.
घटना वाले दिन रोज की तरह कुलदीप कचेहरी से पत्नी के ब्यूटी पार्लर पर आया. पत्नी ने उसे ब्लाउज देकर दूसरे टेलर के यहां से सिलने को भेजा. कुलदीप जब रूबी टेलर के यहां था, उसी बीच करीब साढ़े आठ बजे पंकज का फोन उसके पास आया और उसे पैसे लेने के लिए बुलाया. कुलदीप भाजपा कार्यालय के पीछे नारे पुरवा के लिए बाइक से चल पड़ा. रास्ते में पंकज उसे घटना स्थल तक ले गया, फिर वहां मंटू आ गया. कुलदीप और पंकज बात कर रहे थे कि इसी बीच मंटू ने पीछे से कुलदीप के गले पर चाकू मार दिया. कुलदीप ने बाइक से भागने का प्रयास किया, लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं कर पाया. फिर दोनों ने उसे गिरा दिया और मरणासन्न हो जाने पर दोनों वहां से भाग निकले. रात में 11 बजे मंटू ने रीता को फोन करके बताया कि काम हो गया है. अब गुमशुदगी दर्ज करा दो. उसके बाद रीता ने अपने देवर को बताया और फिर देर रात गुमशुदगी दर्ज कराई गई. इस तरह से उसकी हत्या की गई.
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