बाराबंकी: एक तो वैसे ही लाल ईंटों को प्रतिबंधित कर फ्लाई ऐश ईंटों को बढ़ावा दिए जाने से ईंट-भट्ठा के मालिक परेशान चल रहे थे वहीं अब रही-सही कसर कोयले के लगातार बढ़ रहे दामों ने पूरी कर दी है. इतना ही नहीं अब जीएसटी काउंसिल द्वारा ईंटों के कर स्लैब में किये गए नए बदलाव ने ईंट-भट्ठा मालिकों में खलबली मचा दी है. जिसके बाद ईंट-भट्ठा उद्यमी हफ्ते भर के अंदर बड़ा आंदोलन शुरू करने जा हैं. मंगलवार को बाराबंकी में उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति के अध्यक्ष ने ईंट उद्यमियों के साथ बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई. इन्होंने आरोप लगाया कि इस कुटीर उद्योग को सरकार में बैठे अफसर साजिश करके समाप्त करने में लगे हैं.
बैठक के दौरान उद्यमियों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल द्वारा ईंटों पर कर की दर बढ़ाकर 6 से 12 फीसदी स्लैब में कर दिए जाने से ये कुटीर उद्योग खत्म हो जाएगा. कोयले के दाम 7 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर 17 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गए हैं. यही नहीं ईंट-भट्ठे से रॉयल्टी समाप्त हो जाने के बाद ईंट-भट्ठों पर पर्यावरणीय क्लियरेंस की बाध्यता खत्म हो गई है. बावजूद इसके पुलिस हस्तक्षेप के चलते उन्हें इसका कोप-भाजन बनना पड़ता है.
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