बाराबंकीः मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में पुलिस और एसटीएफ (STF) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फरार चल रहे दो आरोपी शुएब मुजाहिद और सलीम को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था. शुएब मुजाहिद मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा है, जबकि सलीम इस एंबुलेंस को ड्राइवर था. वहीं, इस मामले में अभी मुख्तार अंसारी के कई गुर्गे पुलिस की रडार पर हैं.
मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे हैं दोनों
पकड़ा गया मो. शुएब मुजाहिद मूल रूप से मऊ के घोसी थानां अंर्गत जमाल मिर्जापुर कस्बा खास का रहने वाला है और वर्तमान में प्रयागराज के वसीहाबाद सदियापुर में रहकर मुख्तार के कामों को अंजाम देता था. इसे मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा बताया जा रहा है. जबकि मुख्तार अंसारी द्वारा प्रयोग की जा रही एंबुलेंस चालक सलीम गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के युसुफपुर का रहने वाला है.
चार आरोपी पहले ही भेजे जा चुके जेल
इस मामले में डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय, राजनाथ यादव और आनंद यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं इन सभी लोगों की जमानत खारिज हो चुकी है.जबकि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद से टीम लगातार दबिश दे रही थी, जिसके बाद एंबुलेंस का ड्राइवर और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. अभी इस मामले से जुड़े मुख्तार अंसारी के कई गुर्गे पुलिस के रडार पर हैं. जल्द ही उनको भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
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क्या है मामला
बता दें कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. इस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था. पंजाब के रोपड़ जेल में बंद मुख्तार द्वारा पेशी पर इसी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट गया था. जिसके बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नंबर वाली एंबुलेंस ने हड़कंप मचा दिया था. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो एंबुलेंस डॉ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए कई के नाम भी और बढ़ाये गए हैं.