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गरीबों के मसीहा बने तहसीलदार व कोतवाल, लोग कर रहे प्रशंसा

बाराबंकी जिले के रामनगर के तहसीलदार रामदेव निषाद व कोतवाल रामचंद्र ने इस कड़ाके की ठंड में कई गरीब बुजुर्ग महिलाओं को कंबल, टोपी, बाल्टी और वस्त्र बांटकर सराहनीय कार्य किया है. लोगों का कहना था कि ऐसे अधिकारी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं.

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Published : Jan 6, 2021, 10:50 AM IST

गरीबों के मसीहा बने तहसीलदार व कोतवाल
गरीबों के मसीहा बने तहसीलदार व कोतवाल

बाराबंकी : जिले के रामनगर के तहसीलदार रामदेव निषाद व कोतवाल रामचंद्र ने इस कड़ाके की ठंड में कई गरीब बुजुर्ग महिलाओं को कंबल, टोपी, बाल्टी और वस्त्र बांटकर सराहनीय कार्य किया है. लोगों का कहना था कि ऐसे अधिकारी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं. इस दौरान तहसीलदार रामदेव निषाद इतने भाव विभोर हुए कि फर्श पर बैठी एक गरीब बुजुर्ग महिला को उठाया और गले से लगाया. उनकी समस्याओं को सुनते हुए उन्होंने अपने सर की टोपी भी निकाल कर महिला को पहना डाली. कंबल, टोपी, बाल्टी मिलने से महिलाएं इतनी प्रसन्न हुईं कि अधिकारियों को ढेरों आशीर्वाद दीं.

तहसीलदार ने किए हैं ऐसे कई सराहनीय कार्य

रात में तहसीलदार साहब रामनगर कस्बा चौराहा बस स्टॉप का भ्रमण करते हैं. जो भी इस कड़ाके की ठंड में दिख जाता है, उसके पास ओढ़ने का सामान नहीं होता है तो उनको कंबल जरूर देते हैं. चाहे वह राहगीर हो या किसी जगह का यात्री हो. उनका ये भी कहना है कि इस कड़ाके की ठंड में अगर किसी के पास ओढ़ने व खाने का सामान नहीं है तो बेधड़क वो लोग उनको फोन करके बताएं, वो लोगों की मदद करेंगे, क्योंकि हर जगह वो पहुंच नहीं पाते. तहसीलदार रामदेव निषाद का कहना था कि अगर आप लोग थोड़ी मदद सूचना देने का करेंगे तो अवश्य ही वो उन गरीब बेसहारों की मदद कर सकते हैं. क्षेत्र बड़ा है, रात में हर जगह उन बेसहारों तक पहुंचा नहीं जा सकता है. वो प्रयास करते हैं कि इस कड़ाके की ठंड में कोई भूखा या बिना बिस्तर के न सोए.

अधिकारियों की सोच और विचारधारा की हो रही तारीफ

तहसीलदार रामदेव निषाद व कोतवाल रामचंद्र के कार्यों की हर तरफ काफी तारीफ हो रही है. क्षेत्र के लोगों का कहना था कि सभी अधिकारी और नेता अगर गरीबों की समस्याओं को इसी तरह ध्यान रखें तो शायद कभी अधिकारियों पर आरोप ही न लगे. ऐसे ही लोग गरीबों के मसीहा कहलाते हैं.

बाराबंकी : जिले के रामनगर के तहसीलदार रामदेव निषाद व कोतवाल रामचंद्र ने इस कड़ाके की ठंड में कई गरीब बुजुर्ग महिलाओं को कंबल, टोपी, बाल्टी और वस्त्र बांटकर सराहनीय कार्य किया है. लोगों का कहना था कि ऐसे अधिकारी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं. इस दौरान तहसीलदार रामदेव निषाद इतने भाव विभोर हुए कि फर्श पर बैठी एक गरीब बुजुर्ग महिला को उठाया और गले से लगाया. उनकी समस्याओं को सुनते हुए उन्होंने अपने सर की टोपी भी निकाल कर महिला को पहना डाली. कंबल, टोपी, बाल्टी मिलने से महिलाएं इतनी प्रसन्न हुईं कि अधिकारियों को ढेरों आशीर्वाद दीं.

तहसीलदार ने किए हैं ऐसे कई सराहनीय कार्य

रात में तहसीलदार साहब रामनगर कस्बा चौराहा बस स्टॉप का भ्रमण करते हैं. जो भी इस कड़ाके की ठंड में दिख जाता है, उसके पास ओढ़ने का सामान नहीं होता है तो उनको कंबल जरूर देते हैं. चाहे वह राहगीर हो या किसी जगह का यात्री हो. उनका ये भी कहना है कि इस कड़ाके की ठंड में अगर किसी के पास ओढ़ने व खाने का सामान नहीं है तो बेधड़क वो लोग उनको फोन करके बताएं, वो लोगों की मदद करेंगे, क्योंकि हर जगह वो पहुंच नहीं पाते. तहसीलदार रामदेव निषाद का कहना था कि अगर आप लोग थोड़ी मदद सूचना देने का करेंगे तो अवश्य ही वो उन गरीब बेसहारों की मदद कर सकते हैं. क्षेत्र बड़ा है, रात में हर जगह उन बेसहारों तक पहुंचा नहीं जा सकता है. वो प्रयास करते हैं कि इस कड़ाके की ठंड में कोई भूखा या बिना बिस्तर के न सोए.

अधिकारियों की सोच और विचारधारा की हो रही तारीफ

तहसीलदार रामदेव निषाद व कोतवाल रामचंद्र के कार्यों की हर तरफ काफी तारीफ हो रही है. क्षेत्र के लोगों का कहना था कि सभी अधिकारी और नेता अगर गरीबों की समस्याओं को इसी तरह ध्यान रखें तो शायद कभी अधिकारियों पर आरोप ही न लगे. ऐसे ही लोग गरीबों के मसीहा कहलाते हैं.

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