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किशोरी का अपहरण और रेप करने वाले दोषी को 12 साल कारावास - बाराबंकी की खबरें

बाराबंकी में किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने कठोर कारावास सुनाई. साथ ही 20 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई है.

बाराबंकी में
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Published : Jun 12, 2023, 10:43 PM IST

बाराबंकी: जनपद में 5 वर्ष पूर्व एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के मामले में आरोपी को अदालत ने दोषी ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 12 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने यह फैसला सुनाया है.


एडीजीसी क्रिमिनल योगेंद्र सिंह और मनीषा झा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि फतेहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 14 जनवरी 2018 को थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसकी नाबालिग बहन को आरोपी रोहित बहला फुसला कर भगा ले गया. वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी रोहित पुत्र स्वामी शरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलित करते हुए आरोपी रोहित के विरुद्ध 376 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाते हुए चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई.

मामले में विचारण के दौरान अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए. गवाहों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने आरोपी रोहित को दोषी माना. हुए उसे 12 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. साथ ही यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की रकम 20 हजार रुपये अदा किए जाने पर यह रकम पीड़िता को दिया जाय.

बाराबंकी: जनपद में 5 वर्ष पूर्व एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के मामले में आरोपी को अदालत ने दोषी ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 12 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने यह फैसला सुनाया है.


एडीजीसी क्रिमिनल योगेंद्र सिंह और मनीषा झा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि फतेहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 14 जनवरी 2018 को थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसकी नाबालिग बहन को आरोपी रोहित बहला फुसला कर भगा ले गया. वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी रोहित पुत्र स्वामी शरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलित करते हुए आरोपी रोहित के विरुद्ध 376 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाते हुए चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई.

मामले में विचारण के दौरान अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए. गवाहों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने आरोपी रोहित को दोषी माना. हुए उसे 12 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. साथ ही यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की रकम 20 हजार रुपये अदा किए जाने पर यह रकम पीड़िता को दिया जाय.

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