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शिक्षक दिवस पर बाराबंकी के शिक्षकों ने किया रक्तदान

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन को अलग ढंग से शिक्षकों ने मनाया. एक शैक्षिक और सामाजिक संस्था ने रक्तदान करके शिक्षक दिवस मनाया.

शिक्षकों ने दिया खून
शिक्षकों ने दिया खून
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Published : Sep 5, 2020, 3:20 PM IST

बाराबंकी: सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन यानी शिक्षक दिवस को बाराबंकी की एक शैक्षिक और सामाजिक संस्था ने अनोखे ढंग से मनाया. संस्था के सदस्यों ने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया. खास बात यह है कि इस संस्था ने इसे नया नाम दिया है, जिसे रक्तार्चना कहा है. इनका कहना है कि इस कोरोना काल में शिक्षकों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

लॉकडाउन के दौरान खून की कमी से किसी की जान न जाए, इसलिए तीन महीनों से शहर की शैक्षिक और सामाजिक संस्था बालाजी का बचपन रक्तदान करती आ रही है. शिक्षक दिवस के मौके पर खास तौर पर यहां के शिक्षकों ने इस दिन का नया नाम ही दे डाला है. संस्था ने इसे रक्तार्चना का नाम दिया है. संस्था के शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक लोगों का केवल जीवन ही नहीं सुधारते हैं, बल्कि वे लोगों का जीवन भी बचाते हैं.

शिक्षकों ने बताया कि कोरोना महामारी में स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बच्चों का जीवन बचाने के लिए उन्हें घरों में ही रहने को कहा जा रहा है. इनकी पढ़ाई बाधित न हो लिहाजा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देकर उनके जीवन को संवारा जा रहा है. कोरोना संकट में लोग खून की कमी महसूस न करें. इसलिए शनिवार को संस्था के करीब कई शिक्षकों ने रक्तदान करने का फैसला किया. संस्था संचालक अंकुर माथुर की अगुवाई में ये शिक्षक जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया.

बाराबंकी: सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन यानी शिक्षक दिवस को बाराबंकी की एक शैक्षिक और सामाजिक संस्था ने अनोखे ढंग से मनाया. संस्था के सदस्यों ने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया. खास बात यह है कि इस संस्था ने इसे नया नाम दिया है, जिसे रक्तार्चना कहा है. इनका कहना है कि इस कोरोना काल में शिक्षकों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

लॉकडाउन के दौरान खून की कमी से किसी की जान न जाए, इसलिए तीन महीनों से शहर की शैक्षिक और सामाजिक संस्था बालाजी का बचपन रक्तदान करती आ रही है. शिक्षक दिवस के मौके पर खास तौर पर यहां के शिक्षकों ने इस दिन का नया नाम ही दे डाला है. संस्था ने इसे रक्तार्चना का नाम दिया है. संस्था के शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक लोगों का केवल जीवन ही नहीं सुधारते हैं, बल्कि वे लोगों का जीवन भी बचाते हैं.

शिक्षकों ने बताया कि कोरोना महामारी में स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बच्चों का जीवन बचाने के लिए उन्हें घरों में ही रहने को कहा जा रहा है. इनकी पढ़ाई बाधित न हो लिहाजा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देकर उनके जीवन को संवारा जा रहा है. कोरोना संकट में लोग खून की कमी महसूस न करें. इसलिए शनिवार को संस्था के करीब कई शिक्षकों ने रक्तदान करने का फैसला किया. संस्था संचालक अंकुर माथुर की अगुवाई में ये शिक्षक जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया.

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