बाराबंकी: एक मई से टीबी रोगियों का सैंपल लैब तक पहुंचाने का काम डाक विभाग के डाकिए करेंगे. इस पहल से न केवल सैंपल जांच में तेजी आएगी बल्कि टीबी के मरीजों की पहचान कर उनका इलाज समय से शुरू हो जाएगा.
कोरोना संकट से जंग के साथ साथ वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की पीएम मोदी की मंशा भी अब गति पकड़ने लगी है. जानलेवा बनी टीबी के इलाज में कोई कोताही न हो इसलिए अब टीबी रोगियों के सैंपल को लैब तक पहुंचाने का काम डाक विभाग के डाकिए करेंगे. जिले में 33 केंद्र हैं जहां से सैंपल इकट्ठा करके पोस्टमैन उन्हें जिला मुख्यालय पर पहुंचाएंगे. इसके बाद सैंपल जांच के लिए टेस्टिंग लैब भेज दिया जाएगा.
इस व्यवस्था से मरीजों का इलाज करना होगा आसान
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके वर्मा ने बताया कि टीबी मरीजों के मामले में सबसे बड़ी चुनौती उनके सैंपल के जांच कराने की होती है. अभी तक ग्रामीण अंचलों से सैंपल को लैब तक भेजे जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. क्षेत्रों में तैनात कर्मचारी ही सैंपल लेकर, उन्हें लैब तक पहुंचाते थे. इसमें काफी वक्त लगता था और खर्च भी. साथ ही कर्मचारी दूसरे मरीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते थे, लेकिन अब ये व्यवस्था लागू हो जाने से मरीजों का इलाज करना आसान हो जाएगा.
इसके लिए डाक विभाग के तकरीबन तीन सौ कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है. ताकि सैंपल लाने में डरें नहीं.