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बाराबंकी: SC-ST एक्ट पर फैसले का कांग्रेस नेता तनुज पुनिया ने किया स्वागत - tribe amendment act

यूपी के बाराबंकी में SC-ST एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का कांग्रेस नेता तनुज पुनिया ने स्वागत किया है.

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SC/ST ऐक्ट के फैसले का तनुज पुनिया ने किया स्वागत
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Published : Feb 10, 2020, 10:13 PM IST

बाराबंकी: सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता का फैसला सुनाया. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पुनिया ने संवैधानिक वैधता बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है.

SC-ST एक्ट पर फैसले का तनुज पुनिया ने किया स्वागत

SC-ST एक्ट में किया गया था बदलाव
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पुनिया ने कहा कि लोगों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर कायम है और कायम रहेगा. मार्च 2018 में एक फैसले के तहत एससी-एसटी एक्ट में बदलाव किया गया था. इसके तहत FIR करने से पहले प्रारंभिक जांच का प्रावधान किया गया था, साथ ही गिरफ्तारी के नियमों को हल्का करते हुए अग्रिम जमानत का भी प्रावधान किया गया था.

SC-ST एक्ट में बदलावों को किया रद
मार्च 2018 में आये इस फैसले के बाद पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया था. कई जगहों पर आंदोलनों ने हिंसक रूप भी ले लिया था. आंदोलनों को देखते हुए केंद्र सरकार को बैकफ़ुट पर आना पड़ा और फिर केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव को रद करके उसके प्रावधानों को पूर्ववत बनाए रखने का नया कानून बनाया था. इसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सही ठहराया है.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: अग्निशमन विभाग ने जिला महिला चिकित्सालय के कर्मचारियों को आग बुझाने की दी ट्रेनिंग

बाराबंकी: सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता का फैसला सुनाया. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पुनिया ने संवैधानिक वैधता बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है.

SC-ST एक्ट पर फैसले का तनुज पुनिया ने किया स्वागत

SC-ST एक्ट में किया गया था बदलाव
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पुनिया ने कहा कि लोगों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर कायम है और कायम रहेगा. मार्च 2018 में एक फैसले के तहत एससी-एसटी एक्ट में बदलाव किया गया था. इसके तहत FIR करने से पहले प्रारंभिक जांच का प्रावधान किया गया था, साथ ही गिरफ्तारी के नियमों को हल्का करते हुए अग्रिम जमानत का भी प्रावधान किया गया था.

SC-ST एक्ट में बदलावों को किया रद
मार्च 2018 में आये इस फैसले के बाद पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया था. कई जगहों पर आंदोलनों ने हिंसक रूप भी ले लिया था. आंदोलनों को देखते हुए केंद्र सरकार को बैकफ़ुट पर आना पड़ा और फिर केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव को रद करके उसके प्रावधानों को पूर्ववत बनाए रखने का नया कानून बनाया था. इसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सही ठहराया है.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: अग्निशमन विभाग ने जिला महिला चिकित्सालय के कर्मचारियों को आग बुझाने की दी ट्रेनिंग

Intro:बाराबंकी ,10 फरवरी । कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पुनिया ने अनुसूचित जाति जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता बरकरार रखने के माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है । उन्होंने कहा इसीलिये लोगों का भरोसा माननीय सुप्रीम कोर्ट पर कायम है और कायम रहेगा ।



Body:वीओ - बताते चलें कि मार्च 18 में एक फैसले के तहत एससी/एसटी ऐक्ट में बदलाव किया गया था जिसके तहत एफआईआर करने से पहले प्रारंभिक जांच का प्रावधान किया गया था साथ ही गिरफ्तारी के नियमों को हल्का करते हुए अग्रिम जमानत का भी प्रावधान किया गया था । मार्च 2018 में आये इस फैसले के बाद पूरे देश मे आंदोलन शुरू हो गए थे । कई जगह आंदोलनों ने हिंसक रूप भी ले लिया था । आंदोलनों को देखते हुए केंद्र सरकार को बैकफ़ुट पर आना पड़ा और फिर केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी ऐक्ट में बदलाव को रद्द करके उसके प्रावधानों को पूर्ववत बनाये रखने का नया कानून बनाया था जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सही ठहराया है । तनुज पूनिया ने कहा कि दलितों के हित के लिए जो कानून था उसे डाइल्यूट करने की कोशिश की गई थी लेकिन लोगों के संघर्ष के आगे सरकार को झुकना पड़ा । तनुज ने कहा कि मूल कानून दलित हितों के लिए था । इसके चलते लोगों में भय रहता था कि दलित उत्पीड़न करने पर एफआईआर हो जाएगी ,उन्हें जेल हो सकती है । उसी कानून के तहत दलितों के उत्पीड़न में कमी आई थी ।
बाईट - तनुज पूनिया , प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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