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बाराबंकी: स्वदेशी वस्तुओं के प्रति बढ़ेगा प्रेम, बच्चे पहनेंगे खादी ड्रेस - खादी की ड्रेस

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सत्र से पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर स्कूली बच्चों को खादी ड्रेस देने की शुरूआत की है. इससे बुनकरों को भी लाभ होगा और साथ ही बच्चों का स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम बढ़ेगा.

परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पहनेंगे खादी ड्रेस.
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Published : Jul 6, 2019, 5:31 PM IST

बाराबंकी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना और नेताओं की शान शौकत को चार चांद लगाने वाली खादी अब परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनने वाली है. बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सत्र से चार जिलों के सात ब्लाकों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है. बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा.

परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पहनेंगे खादी ड्रेस.

बच्चे पहनेंगे खादी की ड्रेस-

  • जिले के परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस अब खादी युक्त होगी.
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना पूरा करना है.
  • साथ ही परिषदीय स्कूलों में बच्चों की ड्रेस को स्वदेशी बनाया जा रहा है.
  • खादी की ड्रेस से बुनकरों को भी अच्छा रोजगार मिलेगा.
  • इसे चार जिलों के सात ब्लाकों में शुरू किया गया है.

अभी खादी ड्रेस की शुरुआत लखनऊ जिले के मोहनलाल गंज, सीतापुर जिले के सिधौली ब्लॉक, मिर्जापुर जिले के छानबे, बहराइच जिले के मटेरा, महसी और विशेश्वरगंज ब्लॉक से की गई है. निश्चय ही स्वदेशी अपनाने की योगी सरकार की यह पहल सराहनीय है. खादी की ड्रेस लागू हो जाने से सूबे के बुनकरों को तो इससे लाभ होगा ही साथ ही घाटे में चल रहे यूपी हैंडलूम, यूपिका और खादी ग्रामोद्योग जैसे उपक्रमों को नई संजीवनी मिलेगी.

अभी तक बांटी जाने वाली ड्रेस में पॉलिस्टर होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था. खादी पहनने से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम बढ़ेगा. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
-अनुपमा जायसवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री

बाराबंकी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना और नेताओं की शान शौकत को चार चांद लगाने वाली खादी अब परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनने वाली है. बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सत्र से चार जिलों के सात ब्लाकों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है. बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा.

परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पहनेंगे खादी ड्रेस.

बच्चे पहनेंगे खादी की ड्रेस-

  • जिले के परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस अब खादी युक्त होगी.
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना पूरा करना है.
  • साथ ही परिषदीय स्कूलों में बच्चों की ड्रेस को स्वदेशी बनाया जा रहा है.
  • खादी की ड्रेस से बुनकरों को भी अच्छा रोजगार मिलेगा.
  • इसे चार जिलों के सात ब्लाकों में शुरू किया गया है.

अभी खादी ड्रेस की शुरुआत लखनऊ जिले के मोहनलाल गंज, सीतापुर जिले के सिधौली ब्लॉक, मिर्जापुर जिले के छानबे, बहराइच जिले के मटेरा, महसी और विशेश्वरगंज ब्लॉक से की गई है. निश्चय ही स्वदेशी अपनाने की योगी सरकार की यह पहल सराहनीय है. खादी की ड्रेस लागू हो जाने से सूबे के बुनकरों को तो इससे लाभ होगा ही साथ ही घाटे में चल रहे यूपी हैंडलूम, यूपिका और खादी ग्रामोद्योग जैसे उपक्रमों को नई संजीवनी मिलेगी.

अभी तक बांटी जाने वाली ड्रेस में पॉलिस्टर होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था. खादी पहनने से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम बढ़ेगा. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
-अनुपमा जायसवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री

Intro:बाराबंकी ,06 जुलाई । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना और नेताओं की शान शौकत को चार चांद लगाने वाली खादी अब परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनने वाली है । बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सत्र से इसे 4 जिलों के 7 ब्लॉकों में पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है । बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि अगर ये प्रयोग सफल हुआ तो इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा ।


Body:वीओ - परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस अब तक कई बार बदली जा चुकी है । प्रदेश में जिसकी सरकार बनी उसने अपने हिसाब से उसमे बदलाव किए । कभी ये ड्रेस खाकी रही तो कभी लाइट ब्लू लेकिन भाजपा सरकार बनी तो उसने इसका स्वरूप बदल दिया । अब एक बार फिर इसी ड्रेस पर प्रयोग किए जा रहे हैं । इस बार इस ड्रेस को स्वदेशी बनाया जा रहा है । विभाग का कहना है कि इससे न केवल बुनकरों को रोजगार मिलेगा बल्कि गांधी जी का स्वदेशी अपनाओ का सपना पूरा होगा । अभी इसे चार जिलों के सात ब्लाकों में शुरू किया गया है ।
बाईट - अनुपमा जायसवाल , बेसिक शिक्षा मंत्री

वीओ - बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि अभी तक बांटी जाने वाली ड्रेस में पॉलिस्टर होने से ये बच्चो के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है । खादी पहनने से एक तो इनका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा दूसरे इनका स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम बढ़ेगा । अभी इसकी शुरुआत लखनऊ जिले के मोहनलाल गंज , सीतापुर जिले के सिधौली ब्लॉक , मिर्जापुर जिले के छानबे, बहराइच जिले के मटेरा, महसी और विशेश्वरगंज ब्लॉक से की गई है । अगर ये प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा ।
बाईट - अनुपमा जायसवाल , बेसिक शिक्षा मंत्री , उत्तरप्रदेश सरकार


Conclusion:निश्चय ही स्वदेशी अपनाने की योगी सरकार की ये पहल सराहनीय है । खादी की ड्रेस लागू हो जाने से सूबे के बुनकरों को तो इससे लाभ होगा ही साथ ही घाटे में चल रहे यूपी हैंडलूम, यूपिका और खादी ग्रामोद्योग जैसे उपक्रमो को नई संजीवनी मिलेगी ।
रिपोर्ट -अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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