बाराबंकी : जिले में राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन किये जाने, निजीकरण, आउट सोर्सिंग व्यवस्था समाप्त करने और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को राज्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए 'अधिकार दिवस' मनाया. हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर जिला अस्पताल परिसर में कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों में सरकार के प्रति खासा आक्रोश दिखाई दिया.
बता दें कि इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेतृत्व में सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने अधिकार दिवस मनाया. कर्मचारियों ने जिला अस्पताल परिसर में इकट्ठा होकर जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने कहा कि आठ सूत्रीय मांगों को लेकर वे पिछले तीन वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म की जा रही है, जबकि राजनेताओं और मंत्रियों को पेंशन दी जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो बड़ा आंदोलन होगा.
प्रमुख मांगें-
- राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाए.
- आउटसोर्सिंग व्यवस्था खत्म कर नियमित भर्तियां की जाए.
- संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए.
- सरकार तमाम विभागों और निगमों का निजीकरण करने जा रही है, उनका निजीकरण न करके सरकार अपने कंट्रोल में ले.
- पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए.
- एक पद के लिए एक वेतन दिया जाए.
- अंग्रेजों द्वारा बनाये गए नियम कानूनों को खत्म कर कर्मचारियों को लोकतांत्रिक एवं ट्रेड यूनियन अधिकार दिया जाए.
इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संकट काल में तमाम कर्मचारियों ने देश और समाज का हर तरह से सहयोग किया. तमाम संक्रमित भी हुए, लेकिन सरकारों ने न तो उनकी कोई आर्थिक मदद की और न ही सम्मानित किया.