बाराबंकीः बच्चों के अधिकारों और दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर समाज में जागरूकता की कमी है. जिसकी वजह से बाल हितों के संरक्षण से जुड़े मकसद पूरे नहीं हो पा रहे हैं. इसी के तहत शासन ने एक नई पहल की शुरूआत की है. जीरो से अठ्ठारह साल के समाज के आर्थिक रूप से कमजोर और अनाथ बच्चों को सरकार की संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने और उनकी समस्याओं के निपटारे के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब हर जिले में जाकर जनसुनवाई करेगा.
बाल अधिकार संरक्षण मामलों की हुई सुनवाई
जिला पंचायत के सभागार में आयोजित इस जनसुनवाई में 6 मामलों की सुनवाई की गयी. ज्यादातर मामलों में बच्चे अनाथ हैं, या फिर उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. आयोग ऐसे बच्चों को बाल गृहों या शिशु गृहों में भेजकर उनका पुनर्वासन और संरक्षण करेगा. यही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्पॉन्सरशिप योजना और कन्या सुमंगला योजना का भी लाभ दिया जायेगा.
सम्बन्धित विभाग रहे मौजूद
जनसुनवाई के दौरान स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट इंचार्ज, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, श्रम विभाग, बाल विकास और पुष्टाहार विभाग, बाल संरक्षण विभाग, महिला कल्याण विभाग, प्रोबेशन विभाग, चिकित्सा, दिव्यांगजन और शिक्षा विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे.