बाराबंकी : जिस प्रकार से राजनेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, यह लोकतंत्र की निशानी नहीं है. लोकतंत्र संवाद और संवेदनाओं की व्यवस्था है, यह कहना है प्रख्यात समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर का. वह शनिवार को बाराबंकी में राम मनोहर लोहिया के जन्मदिवस के मौके पर एक संगोष्ठी में शामिल होने आए थे.
इस मौके पर रघु ठाकुर ने कहा कि वो चुनाव आयोग से अनुरोध करेंगे कि जो लोग ऐसे अमर्यादित और कटुता पैदा करने वाले बयान देते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. यही नहीं, ऐसे लोगों को चुनाव से डिसक्वालीफाई करें.
राम मनोहर लोहिया के जन्मदिवस के मौके पर प्रख्यात समाजवादी और विचारक पंडित राजनाथ शर्मा ने बाराबंकी में एक संगोष्ठी आयोजित की थी. इसमें शामिल होने आए समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि हमारे देश में समाजवाद असफल नहीं हुआ बल्कि समाजवाद के नाम पर काम करने वाली पार्टियां असफल हुई हैं. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जाति के, परिवार के और समूह के नाम पर सत्ता के लिए काम कर रहे हैं. यह समाजवाद नहीं है और न ही यह लोहिया के प्रयोग हैं.
उन्होंने कहा कि भारत और विश्व की समस्याओं का एकमात्र हल अगर है तो केवल दो लोगों के विचारों में है. एक गांधी और दूसरे लोहिया के विचारों में. गांधी ने एक वैकल्पिक सभ्यता का सपना दुनिया के सामने रखा था, जिसमें इंसान और हाथ, गांव और खेत, ये 4 बुनियादी खंभे थे. उनके सपनों को लोहिया ने और आगे बढ़ाया और जो रास्ते लोहिया ने दिखाए, सभ्यता के आज वही रास्ते हैं.
रघु ठाकुर ने कहा कि महासंघ के अलावा अब और कोई रास्ता नहीं, जिससे युद्ध टाले जा सकें. लोहिया चाहते थे कि विश्व संसद बन जाए ताकि विश्व शांति बनी रहे. आज लोहिया के इन्हीं विचारों पर काम करने की जरूरत है.