बाराबंकी: माफिया मुख्तार अंसारी गैंगस्टर मामले में शुक्रवार को बाराबंकी की अदालत में सुनवाई हुई. अभियोजन पक्ष ने मामले के एक और गवाह सब इंस्पेक्टर को पेश किया. अभियोजन पक्ष ने गवाह के बयान दर्ज कराए. मुख्तार अंसारी पक्ष के अधिवक्ता ने गवाह से जिरह की, जो पूरी न हो सकी. लिहाजा कोर्ट ने जिरह के लिए अगली तारीख 4 दिसम्बर नियत की है. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और दो अलग-अलग जेलों में बंद दो अन्य आरोपियों की एमपी एमएलए कोर्ट विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में सरकार बनाम मुख्तार अंसारी व अन्य का गैंगस्टर का मुकदमा चल रहा है. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. शुक्रवार को मामले में अभियोजन के अगले गवाह उपनिरीक्षक ब्रजेश सिंह की गवाही हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा जिरह की गई. लेकिन, समयाभाव के चलते जिरह पूरी नहीं हो सकी, लिहाजा कोर्ट ने आगे की जिरह के लिए अगली तारीख 4 दिसम्बर नियत कर दी है.
मामले की सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और इसी मामले के आरोपी जफर उर्फ चंदा की संतकबीरनगर और अफरोज चुन्नू की गाजीपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. मामले के बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई थी. इस मामले में वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह की गवाही और जिरह पहले ही पूरी हो चुकी है. कोर्ट ने अगली गवाही के लिए 04 दिसम्बर की तारीख लगाई है.
कब लगा गैंगेस्टर मामला: 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी.
बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की. तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को एआरटीओ प्रशासन ने मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.
विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए जिनमें मुख्तार अंसारी, डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा, सलीम, मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए और इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं. इस मामले में बाद में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की भी कार्यवाही की गई थी. जिसका विचारण बाराबंकी की सेशन कोर्ट में चल रहा है.
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