बाराबंकी: जिले में दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद की गई निर्मम हत्या मामले में शनिवार को एक और अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस कप्तान ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए दोनों अभियुक्तों ने मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था. शनिवार को पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने इस घटना का खुलासा किया.
बता दें कि बुधवार शाम को जिले के सतरिख थाना क्षेत्र में धान काटने गई एक दलित किशोरी का शव खेत में पाया गया था. शव की दशा देखकर लोगों ने अंदाजा लगाया था कि उसके साथ हैवानियत की गई है. दरअसल शव के हाथ और पैर बंधे हुए थे, जिसके साथ ही उसके कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे. वहीं परिजन चीख-चीखकर दुष्कर्म के बाद हत्या की बात कह रहे थे. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. घटना के अगले दिन मृतका का पोस्टमार्टम कराया गया, जहां देर शाम प्रशासन ने दुष्कर्म की पुष्टि की, लेकिन गैंगरेप का खुलासा नहीं किया.
घटना को लेकर चढ़ा सियासी पारा
हाथरस केस मामले में प्रशासन की लापरवाही देख चुके सियासी दलों ने पीड़िता के गांव जाना शुरू किया, तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. प्रशासन इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर देना चाह रहा था. लिहाजा मामले की पड़ताल करते हुए एक अभियुक्त दिनेश गौतम को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया गया था.
दूसरा अभियुक्त गिरफ्तार
शुक्रवार को पुलिस ने सतरिख थाना क्षेत्र के सेठमऊ गांव के दिनेश गौतम को पुलिस ने गिरफ्तार कर पेश किया था तो वहीं शनिवार को ऋषिकेश सिंह उर्फ रिशू सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
क्या है पुलिस की थ्योरी?
पुलिस कप्तान ने बताया कि घटना वाले दिन अभियुक्त दिनेश गौतम अपनी बहन को इलाज के लिये अस्पताल ले गया था, जहां से वापस आने के बाद वह सेठमऊ गांव में किराने की दुकान चलाने वाले ऋषिकेश सिंह से मिला. ऋषिकेश ने दिनेश को बताया कि मृतका अकेले धान के खेत की ओर गई है, जिसके बाद फिर दोनों ने वहां पहुंचकर घटना को अंजाम दिया.
बाराबंकी: दलित किशोरी के साथ गैंगरेप व हत्या मामले में दूसरा अभियुक्त गिरफ्तार
बाराबंकी में दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद की गई निर्मम हत्या मामले में एक और अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों ने ही इस जघन्य घटना को अंजाम दिया था.
बाराबंकी: जिले में दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद की गई निर्मम हत्या मामले में शनिवार को एक और अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस कप्तान ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए दोनों अभियुक्तों ने मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था. शनिवार को पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने इस घटना का खुलासा किया.
बता दें कि बुधवार शाम को जिले के सतरिख थाना क्षेत्र में धान काटने गई एक दलित किशोरी का शव खेत में पाया गया था. शव की दशा देखकर लोगों ने अंदाजा लगाया था कि उसके साथ हैवानियत की गई है. दरअसल शव के हाथ और पैर बंधे हुए थे, जिसके साथ ही उसके कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे. वहीं परिजन चीख-चीखकर दुष्कर्म के बाद हत्या की बात कह रहे थे. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. घटना के अगले दिन मृतका का पोस्टमार्टम कराया गया, जहां देर शाम प्रशासन ने दुष्कर्म की पुष्टि की, लेकिन गैंगरेप का खुलासा नहीं किया.
घटना को लेकर चढ़ा सियासी पारा
हाथरस केस मामले में प्रशासन की लापरवाही देख चुके सियासी दलों ने पीड़िता के गांव जाना शुरू किया, तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. प्रशासन इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर देना चाह रहा था. लिहाजा मामले की पड़ताल करते हुए एक अभियुक्त दिनेश गौतम को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया गया था.
दूसरा अभियुक्त गिरफ्तार
शुक्रवार को पुलिस ने सतरिख थाना क्षेत्र के सेठमऊ गांव के दिनेश गौतम को पुलिस ने गिरफ्तार कर पेश किया था तो वहीं शनिवार को ऋषिकेश सिंह उर्फ रिशू सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
क्या है पुलिस की थ्योरी?
पुलिस कप्तान ने बताया कि घटना वाले दिन अभियुक्त दिनेश गौतम अपनी बहन को इलाज के लिये अस्पताल ले गया था, जहां से वापस आने के बाद वह सेठमऊ गांव में किराने की दुकान चलाने वाले ऋषिकेश सिंह से मिला. ऋषिकेश ने दिनेश को बताया कि मृतका अकेले धान के खेत की ओर गई है, जिसके बाद फिर दोनों ने वहां पहुंचकर घटना को अंजाम दिया.