बाराबंकी: माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहनों के लिए जारी किए गए नियमों की जिले में अनदेखी हो रही है. एक छोटी वैन में 20 बच्चों को बैठाकर ले जाया जा रहा है. कई प्राइवेट स्कूल तो वाहन भी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. जिस प्रकार से बच्चों को वाहनों में ले जाया जा रहा है, यह दुर्घटना को सीधा न्यौता देना कहा जा सकता है.
इस गाड़ी में लगभग 20 बच्चे हैं और जब ज्यादा बच्चे हो जाते हैं तो और ज्यादा लेकर जाते हैं, जब कम होते हैं तो कम लेकर जाते हैं. लगभग यही हाल शहर के अधिकतम बच्चों का है, जो इसी प्रकार के वाहनों में स्कूल जाने को मजबूर हैं.- पिन्टू ,चालक, निजी वाहन ,बाराबंकी
हम नियमों का कड़ाई से पालन कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए कार्रवाई भी करते हैं. जो वाहन विद्यालयों के लिए अधिकृत हैं, उनमें फुट रेस्ट से लेकर सीटबेल्ट और तमाम सारी सुविधाएं जो नियमों के तहत आती है वह निश्चित तौर पर होनी ही चाहिए . सभी विद्यालय अपने बच्चों को पहुंचाने और ले आने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराएं . यदि वह उपलब्ध नहीं कराते हैं तो ऐसे वाहन जो प्राइवेट लगना चाहते हैं, वह भी अनुबंधन के अनुसार स्कूली वैन के रंग में ही होने चाहिए.
- पंकज सिंह , एआरटीओ , बाराबंकी