बाराबंकीः जिले में समाधान दिवस पर फरियादियों की अपेक्षित सुनवाई और त्वरित निस्तारण नहीं हो रहे हैं. लिहाजा पीड़ितों को बार-बार समाधान दिवसों में प्रार्थना पत्र देने पड़ रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी ने इसके पीछे प्रकियात्मक विलम्ब मानते हैं.
नवाबगंज में आयोजित किया गया समाधान दिवस
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील नवाबगंज में आयोजित समाधान दिवस में मंगलवार को खासी भीड़ जुटी. इस दौरान 120 मामलों की सुनवाई हुई. इसमें करीब 15 मामलों के मौके पर निस्तारण के लिए टीमें गठित की गईं. समाधान दिवस में तमाम फरियादी ऐसे भी रहे. जिन्होंने इससे पहले भी प्रार्थना पत्र दिए थे, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो सका था. बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी निस्तारण न होने के पीछे जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का मानना है कि प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते ऐसा होता है.
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समस्या के निस्तारण में प्रकियात्मक विलम्ब होता है
उन्होंने बताया कि आबादी के मामलों में राजस्व बहुत ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. क्योंकि उसमें दीवानी और सिविल के मामले होते हैं. बैनामे के मामले भी सिविल कोर्ट से निस्तारित होते हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व की भूमिका काफी सीमित होती है. ग्रामसभा की सार्वजनिक संपत्ति का ही निपटारा राजस्व विभाग करता है और अगर पक्का निर्माण है तो उसमें भी एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट पर वाद होते हैं. हालांकि उनकी कोशिश है कि लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो और लोगों को बार-बार चक्कर न लगाना पड़े.