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प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते फरियादियों को लगाना पड़ रहा बार-बार चक्करः डीएम बाराबंकी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मंगलवार को तहसील नवाबगंज में समाधान दिवस का आयोजन किया गया. इस दौरान फरियादियों की खासी भीड़ जुटी. जिलाधिकारी ने 120 मामलों की सुनवाई की. साथ ही 15 मामलों के लिए निस्तारण टीम का गठन किया. वहीं त्वरित निस्तारण पर जिलाधिकारी ने कहा कि प्रकियात्मक विलम्ब के कारण निस्तारण में देरी होती है.

समाधान दिवस का आयोजन किया.
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Published : Nov 20, 2019, 8:33 AM IST

बाराबंकीः जिले में समाधान दिवस पर फरियादियों की अपेक्षित सुनवाई और त्वरित निस्तारण नहीं हो रहे हैं. लिहाजा पीड़ितों को बार-बार समाधान दिवसों में प्रार्थना पत्र देने पड़ रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी ने इसके पीछे प्रकियात्मक विलम्ब मानते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

नवाबगंज में आयोजित किया गया समाधान दिवस
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील नवाबगंज में आयोजित समाधान दिवस में मंगलवार को खासी भीड़ जुटी. इस दौरान 120 मामलों की सुनवाई हुई. इसमें करीब 15 मामलों के मौके पर निस्तारण के लिए टीमें गठित की गईं. समाधान दिवस में तमाम फरियादी ऐसे भी रहे. जिन्होंने इससे पहले भी प्रार्थना पत्र दिए थे, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो सका था. बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी निस्तारण न होने के पीछे जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का मानना है कि प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते ऐसा होता है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: ओडीएफ घोषित हुए गांव की खुली पोल, शौच के लिए गए युवक की हुई मौत

समस्या के निस्तारण में प्रकियात्मक विलम्ब होता है
उन्होंने बताया कि आबादी के मामलों में राजस्व बहुत ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. क्योंकि उसमें दीवानी और सिविल के मामले होते हैं. बैनामे के मामले भी सिविल कोर्ट से निस्तारित होते हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व की भूमिका काफी सीमित होती है. ग्रामसभा की सार्वजनिक संपत्ति का ही निपटारा राजस्व विभाग करता है और अगर पक्का निर्माण है तो उसमें भी एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट पर वाद होते हैं. हालांकि उनकी कोशिश है कि लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो और लोगों को बार-बार चक्कर न लगाना पड़े.

बाराबंकीः जिले में समाधान दिवस पर फरियादियों की अपेक्षित सुनवाई और त्वरित निस्तारण नहीं हो रहे हैं. लिहाजा पीड़ितों को बार-बार समाधान दिवसों में प्रार्थना पत्र देने पड़ रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी ने इसके पीछे प्रकियात्मक विलम्ब मानते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

नवाबगंज में आयोजित किया गया समाधान दिवस
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील नवाबगंज में आयोजित समाधान दिवस में मंगलवार को खासी भीड़ जुटी. इस दौरान 120 मामलों की सुनवाई हुई. इसमें करीब 15 मामलों के मौके पर निस्तारण के लिए टीमें गठित की गईं. समाधान दिवस में तमाम फरियादी ऐसे भी रहे. जिन्होंने इससे पहले भी प्रार्थना पत्र दिए थे, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो सका था. बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी निस्तारण न होने के पीछे जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का मानना है कि प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते ऐसा होता है.

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समस्या के निस्तारण में प्रकियात्मक विलम्ब होता है
उन्होंने बताया कि आबादी के मामलों में राजस्व बहुत ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. क्योंकि उसमें दीवानी और सिविल के मामले होते हैं. बैनामे के मामले भी सिविल कोर्ट से निस्तारित होते हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व की भूमिका काफी सीमित होती है. ग्रामसभा की सार्वजनिक संपत्ति का ही निपटारा राजस्व विभाग करता है और अगर पक्का निर्माण है तो उसमें भी एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट पर वाद होते हैं. हालांकि उनकी कोशिश है कि लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो और लोगों को बार-बार चक्कर न लगाना पड़े.

Intro:बाराबंकी ,19 नवम्बर । पीड़ितों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के मकसद से आयोजित होने वाले समाधान दिवसों में फरियादियों की अपेक्षित सुनवाई नही हो रही लिहाजा पीड़ितों को समाधान दिवसों में बार-बार प्रार्थना पत्र देने पड़ रहे हैं । यही वजह है कि समाधान दिवसों में भारी भीड़ जुटती है । हालांकि जिलाधिकारी इसके पीछे प्रक्रियात्मक विलम्ब मानते हैं ।


Body:वीओ- जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील नवाबगंज में आयोजित समाधान दिवस में मंगलवार को खासी भीड़ जुटी । इस दौरान 120 मामलों की सुनवाई हुई जिसमें करीब 15 मामलों के मौके पर निस्तारण के लिए टीमें गठित की गईं । समाधान दिवस में तमाम फरियादी ऐसे भी रहे जिन्होंने इससे पहले भी प्रार्थना पत्र दिए थे लेकिन उनका निस्तारण नही हो सका था । बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी निस्तारण न होने के पीछे जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह का मानना है कि प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते ऐसा होता है । उन्होंने बताया कि आबादी के मामलों में राजस्व बहुत ज्यादा हस्तक्षेप नही कर सकता है क्योंकि उसमें दीवानी और सिविल के मामले होते हैं। बैनामे के मामले भी सिविल कोर्ट से निस्तारित होते हैं । राजस्व की भूमिका काफी सीमित होती है। ग्रामसभा की सार्वजनिक संपत्ति का ही निपटारा राजस्व विभाग करता है और अगर पक्का निर्माण है तो उसमें भी एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट पर वाद होते हैं । जिलाधिकारी ने बताया कि इन सब प्रक्रियात्मक विलम्ब के चलते लोगों को बार बार प्रार्थना पत्र देने पड़ते हैं । हालांकि उनकी कोशिश है कि लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो और लोगों को बार बार चक्कर न लगाना पड़े ।
बाईट- डॉ आदर्श सिंह , जिलाधिकारी बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट-अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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