बाराबंकी: पिछले पांच वर्षों से भूखे गरीबों और असहायों को रोटी खिला रही एक सामाजिक संस्था इंडियन रोटी बैंक ने गरीबों को भीषण सर्दी से बचाने के लिए अब एक नया सवेरा नामक अभियान शुरू किया है. संस्था असहायों को कम्बल और पुराने कपड़े बांट रही है.
पांच साल में 70 शाखाएं
यूं तो तमाम सामाजिक संस्थाएं हैं, जो गरीबो और असहायों की मदद कर रही हैं. लेकिन ऑर्गेनाइज्ड ढंग से काम करने वाली संस्था इंडियन रोटी बैंक का अपना अलग मुकाम है. यही वजह है कि हरदोई जिले से शुरू हुई इस संस्था की आज पूरे देश में 70 शाखाएं हैं. आने वाले दिनों में संस्था गरीबों के निशुल्क इलाज के लिए संजीवनी और निराश्रित पशुओं की देखभाल के लिए पशुधैव कुटुम्बकम प्रोग्राम चलाने जा रही है.
संस्था से जुड़े प्रबुद्ध वर्ग के लोग
समाजसेवा का जज्बा रखने वाले हर वर्ग के लोग इस संस्था से जुड़कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लोगों का मानना है कि अगर समाज को कुछ न कुछ देने की सोच हर इंसान में हो जाय, तो देश का कोई भी इंसान भूखा नहीं रहेगा.
संस्था न तो सरकारी फंड लेती है न ही किसी से चंदा
संस्था के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर विजय कांत मिश्रा ने बताया कि संस्था कोई सरकारी मदद नही लेती और न ही किसी से कोई चंदा लिया जाता है. संस्था से जुड़े वालेंटियर्स अपने पास से जिसकी जो भी हैसियत है वैसा योगदान करते हैं. वालंटियर्स रोटी तैयार करवा कर और सब्जी के साथ जहां असहाय और गरीब दिखते हैं उनको बांटते हैं. अब नया सवेरा अभियान के तहत सभी लोग अपने घरों से पुराने ऊनी कपड़े इकट्ठा कर उन्हें बांट रहे हैं.
दूसरों से चंदा और सरकारी फंड लेकर लोगों की सेवा करने का दावा करने वाले तमाम सामाजिक संगठन हर जगह मिल जाएंगे ,लेकिन निस्वार्थ भाव और बिना किसी चंदे के सेवा करने वाली संस्थाएं कम है ऐसे में रोटी बैंक की ये मुहिम सराहनीय है.