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एक्सप्रेसवे पर तेज गति और ओवरटेकिंग के कारण तेजी से बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं - सड़क परिवहन मंत्रालय

बाराबंकी में पिछले छह महीने में लगभग 200 मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो चुकी है. यह आंकड़ा बहुत बड़ा है. लगभग प्रत्येक दिन पूरे जिले में कहीं न कहीं सड़क दुर्घटना से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है.

सड़क दुर्घटनाएं.
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Published : Jul 9, 2019, 8:22 PM IST

बाराबंकी: प्रदेश में तेज गति और ओवरटेकिंग के चलते सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. अच्छी सड़कें होने से और बेहतर गाड़ी के कारण लोग गति पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. भारत में हर एक मिनट पर कहीं न कहीं एक सड़क दुर्घटना जरूर होती है. इससे बचने के लिए हमें स्वयं सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े की मानें तो दुनिया भर में हर 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है. अकेले भारत का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि हर एक मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति अपनी जान गंवा रहा है. रोड एक्सीडेंट के दौरान सर्वाधिक नुकसान युवा आबादी का हो रहा है. ज्यादातर मरने वालों में युवा शामिल है.

बाराबंकी में पिछले छह महीने में लगभग 200 मौत सड़क दुर्घटना से हुई.
  • बाराबंकी में पिछले छह महीने में लगभग 200 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई है.
  • प्रत्येक दिन जिले में कहीं न कहीं सड़क दुर्घटना से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है.
  • विश्व भर में सड़क दुर्घटना से मरने वालों में प्रत्येक नौवां व्यक्ति भारतीय होता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो 2016 में 13.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं.
  • 2013 में यह आंकड़ा 12.5 लाख था जो 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया.

भारत में सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने आंकड़े में कहा है कि-

  • 2016 में 1.51 लाख लोग सड़क दुर्घटना में मरे थे.
  • 2017 सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई है.

जिस प्रकार बाराबंकी जिले में सड़क दुर्घटनाएं हो रही है, उसका यदि आंकड़ा हम देखें तो, लगभग रोज कोई न कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां दे रहा है. इस प्रकार से पिछले 6 महीने में लगभग 200 लोगों ने अपनी जान सड़क दुर्घटना के कारण खोई है.

जिले के एआरटीओ पंकज सिंह का कहना है कि आजकल अच्छी सड़क हो जाने से और नई-नई ताकतवर गाड़ियों के आने से स्पीड क्षमता काफी बढ़ी है. लोग इसी वजह से खासकर युवा गाड़ियों को तेज चला रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ओवरस्पीडिंग और ओवरटेकिंग के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही है. लोगों के पास समय का अभाव है ऐसे में लोग जल्दी पहुंचने के चक्कर में ओवरस्पीडिंग करते हैं. एआरटीओ ने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है लोग खुद से सजग रहे ताकि उनकी जान-माल का नुकसान न हो. यह सबसे ज्यादा जागरूकता का विषय है और स्वयं अपनी जान के प्रति सजग रहने और जिम्मेदारी का विषय है.

बाराबंकी: प्रदेश में तेज गति और ओवरटेकिंग के चलते सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. अच्छी सड़कें होने से और बेहतर गाड़ी के कारण लोग गति पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. भारत में हर एक मिनट पर कहीं न कहीं एक सड़क दुर्घटना जरूर होती है. इससे बचने के लिए हमें स्वयं सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े की मानें तो दुनिया भर में हर 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है. अकेले भारत का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि हर एक मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति अपनी जान गंवा रहा है. रोड एक्सीडेंट के दौरान सर्वाधिक नुकसान युवा आबादी का हो रहा है. ज्यादातर मरने वालों में युवा शामिल है.

बाराबंकी में पिछले छह महीने में लगभग 200 मौत सड़क दुर्घटना से हुई.
  • बाराबंकी में पिछले छह महीने में लगभग 200 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई है.
  • प्रत्येक दिन जिले में कहीं न कहीं सड़क दुर्घटना से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है.
  • विश्व भर में सड़क दुर्घटना से मरने वालों में प्रत्येक नौवां व्यक्ति भारतीय होता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो 2016 में 13.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं.
  • 2013 में यह आंकड़ा 12.5 लाख था जो 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया.

भारत में सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने आंकड़े में कहा है कि-

  • 2016 में 1.51 लाख लोग सड़क दुर्घटना में मरे थे.
  • 2017 सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई है.

जिस प्रकार बाराबंकी जिले में सड़क दुर्घटनाएं हो रही है, उसका यदि आंकड़ा हम देखें तो, लगभग रोज कोई न कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां दे रहा है. इस प्रकार से पिछले 6 महीने में लगभग 200 लोगों ने अपनी जान सड़क दुर्घटना के कारण खोई है.

जिले के एआरटीओ पंकज सिंह का कहना है कि आजकल अच्छी सड़क हो जाने से और नई-नई ताकतवर गाड़ियों के आने से स्पीड क्षमता काफी बढ़ी है. लोग इसी वजह से खासकर युवा गाड़ियों को तेज चला रहे हैं.

उन्होंने बताया कि ओवरस्पीडिंग और ओवरटेकिंग के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही है. लोगों के पास समय का अभाव है ऐसे में लोग जल्दी पहुंचने के चक्कर में ओवरस्पीडिंग करते हैं. एआरटीओ ने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है लोग खुद से सजग रहे ताकि उनकी जान-माल का नुकसान न हो. यह सबसे ज्यादा जागरूकता का विषय है और स्वयं अपनी जान के प्रति सजग रहने और जिम्मेदारी का विषय है.

Intro: बाराबंकी, 09 जुलाई । पूरे सूबे में तेज गति और ओवरटेकिंग के चलते हैं सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी है. अच्छी सड़कें होने से और बेहतर गाड़ी के कारण, लोग गति पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. पूरे भारत में हर 1 मिनट पर कहीं ना कहीं एक सड़क दुर्घटना जरूर होती है. इससे बचने के लिए हमें स्वयं सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इसके लिए ओवरटेकिंग और ओवर स्पीडिंग से बचने की जरूरत है. अकेले बाराबंकी में पिछले 6 महीने में लगभग 200 मौतें सड़क दुर्घटना के कारण हो चुकी है और यह आंकड़ा बहुत बड़ा है. लगभग प्रत्येक दिन पूरे जिले में कहीं ना कहीं, सड़क दुर्घटना से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है.


Body: विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े की मानें तो दुनियां भर में, हर 23 सेकंड में किसी एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है. अकेले भारत का आंकड़ा देखने पर पता चलता है कि हर 1 मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो दे रहा है. रोड एक्सीडेंट के दौरान सर्वाधिक नुकसान युवा आबादी का हो रहा है ज्यादातर मरने वालों में युवा शामिल है.

विश्व भर में सड़क दुर्घटना से मरने वालों में प्रत्येक नौवां व्यक्ति भारतीय होता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 2016 में 13.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां चुके हैं.

2013 में यह आंकड़ा 12.5 लाख था जो 2016 में बढ़कर 13.5 लाख हो गया.

भारत में सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने आंकड़े में कहा है कि 2016 में 1.51 लाख लोग सड़क दुर्घटना में मरे थे.

लेकिन 2017 में यह आंकड़ा कम होकर सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या 1.46 लाख रिकॉर्ड हुई है.

जिस प्रकार से बाराबंकी जिले में सड़क दुर्घटनाएं हो रही है, उसका यदि आंकड़ा हम देखें तो, लगभग रोज कोई न कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां दे रहा है. इस प्रकार से पिछले 6 महीने में लगभग 200 लोगों ने अपनी जान सड़क दुर्घटना के कारण खोई है.



Conclusion: जिले के ए.आर.टी.ओ. पंकज सिंह का कहना है कि आजकल अच्छी सड़क हो जाने से तथा नई-नई ताकतवर गाड़ियों के आने से स्पीड क्षमता काफी बढ़ी है, और लोग इसी वजह से खासकर युवा गाड़ियों को तेज चला रहे हैं और ओवरस्पीडिंग तथा ओवरटेकिंग के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही है. लोगों के पास समय का अभाव है, ऐसे में लोग जल्दी पहुंचने के चक्कर में ओवरस्पीडिंग करते हैं. लेकिन अपनी जान से ज्यादा कुछ जरूरी नहीं है, इसलिए मेरा आग्रह है कि ,लोग तेज गति से गाड़ी न चलाएं. दो पहिया वाहन चलाने वाले 40 की स्पीड, और चार पहिया वाहन वाले 80 की स्पीड से ज्यादा न चले. तेज गति से वाहन चलाने वालों के लिए इंटरसेप्टर वाहन चेकिंग भी करता है लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है लोग खुद से सजग रहे ताकि उनकी जान-माल का नुकसान ना हो. यह सबसे ज्यादा जागरूकता का विषय है, और स्वयं अपनी जान के प्रति सजग रहने और जिम्मेदारी का विषय है.




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पंकज सिंह ,एआरटीओ ,बाराबंकी.


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907

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