बाराबंकी : सरकार द्वारा गठित ग्राम न्यायालयों के विरोध में बीते सात सितम्बर को जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी और जनपद के समस्त अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन के जरिये मांग की गई थी कि ग्राम न्यायालयों के गठन को रोक दिया जाय. क्योंकि रामनगर और सिरौलीगौसपुर में ग्राम न्यायालयों के गठन के बाद से अधिवक्ता नाराज थे.
इनका कहना था कि अधिवक्ताओं से बिना राय लिए ये निर्णय ले लिया गया. सात सितंबर को हुए प्रदर्शन के बाद रामनगर के कुछ अधिवक्ताओं ने जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी के महामंत्री नरेंद्र वर्मा के खिलाफ अपमानित करने वाले और अमर्यादित शब्दों के साथ नारेबाजी की थी. आरोप है कि ये कृत्य रामनगर विधायक के इशारे पर किया गया था. ये मामला सोशल मीडिया में आने के बाद सोमवार को सामान्य सभा की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें अधिवक्ताओं की राय ली गई. उसके बाद सर्वसम्मति से विधायक शरद अवस्थी को जिला बार की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया.
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह ने कहा कि रामनगर तहसील के जिन अधिवक्ताओं द्वारा ये कृत्य किया गया वो निंदनीय है. जिला बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि इसके लिए बार काउंसिल उत्तरप्रदेश को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा. यही नहीं बार अध्यक्ष ने कहा कि महामंत्री नरेंद्र वर्मा चाहे तो उन अधिवक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि रामनगर विधायक शरद अवस्थी जो विधायक बनने से पूर्व जिला बार एसोसिएशन के सदस्य और जनपद मुख्यालय के अधिवक्ता थे उनको जिला बार एसोसिएशन के विरुद्ध अनैतिक कार्य करने के कारण अग्रिम आदेश तक निष्कासित किया जाता है.