बाराबंकी: जिले में निर्धारित मूल्य से ज्यादा पैसे लेकर बेची जा रही यूरिया, खाद और टैगिंग की शिकायतों पर मंगलवार को जिला फतेहपुर की खाद-बीज की दुकानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान दो दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित कर दिये गए. इसके साथ ही तीन दुकानदारों द्वारा स्टॉक-बिक्री के कोई अभिलेख न दिखा पाने से उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
खरीफ की फसल को लेकर किसानों को खाद की कोई समस्या न हो, इसके लिए कृषि विभाग ने पर्याप्त खाद मंगवा ली थी. सभी दुकानदारों को ये खाद आवंटित भी हो गई है. पिछले कुछ दिनों से दुकानदारों द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा दामों पर खाद बेचे जाने की सूचना विभागीय अधिकारियों को मिल रही थी. इतना ही नहीं, किसानों पर दूसरी खादों को खरीदने का भी दबाव डाले जाने की खबरें मिल रही थीं.
मंगलवार को जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार ने फतेहपुर तहसील क्षेत्र के बिशुनपुर, मिठवारा, बेलहरा और खाला की 12 से ज्यादा दुकानों पर छापेमारी की. इस दौरान उर्वरकों के तीन नमूने लिए गए. इसके साथ बिशुनपुर के मेसर्स खाद बीज भंडार के खिलाफ अधिक दर पर खाद बेचने और सल्फर टैग करने की शिकायत पर उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित कर दिया गया.
बिहुरा चौराहा स्थित मेसर्स पंकज खाद भंडार की दुकान बिना किसी कारण बंद पाए जाने से उसे भी निलंबित कर दिया गया. मेसर्स आंचल खाद भंडार, मेसर्स लक्ष्मी खाद भंडार मिठवारा और मेसर्स किसान एग्रो सेंटर बेलहरा को खरीद-बिक्री का कोई अभिलेख न दिखा पाने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
क्या है टैगिंग
जब कोई भी किसान यूरिया खाद लेने के लिए किसी दुकान पर जाता है तो दुकानदार यूरिया के साथ-साथ जिंक या सल्फर जैसी दूसरी खादों को भी खरीदने के लिए किसान पर दबाव बनाते हैं. दुकानदार केवल यूरिया देने से मना कर देते हैं. मजबूरन किसानों को दूसरी खाद लेनी पड़ती है. इसे ही टैगिंग कहते हैं. जिला कृषि अधिकारी ने दुकानदारों को चेतावनी दी है कि कहीं भी कोई ऐसी खबर मिली, तो दुकानदार का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.