बाराबंकी: कोरोना संकट ने अब लोगों को मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया है. क्वारंटाइन किये गए लोग तनाव में आकर मानसिक रोगी न बन जाएं. इसके लिए मानसिक रोग विभाग की एक विशेष टीम घर-घर जाकर ऐसे लोगों की काउंसिलिंग कर रही है. अब तक 6 हजार लोगों की काउंसिलिंग की जा चुकी है. चार सदस्यीय मनोवैज्ञानिकों की इस विशेष टीम का कहना है कि अगर लोगों को तनाव मुक्त नहीं किया गया तो आगे एक गम्भीर समस्या आने वाली है.
क्वॉरंटीन किए गए लोगों की मनोचिकित्सक की विशेष टीम कर रही कांउसिंलिंग क्या करती है टीमचार सदस्यीय इस टीम में एक मनोवैज्ञानिक, दो मनोचिकित्सक और एक सोशल वर्क के मनोचिकित्सक को रखा गया है. इस टीम को स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की लिस्ट उपलब्ध कराता है जो क्वारंटाइन किये गए हैं. टीम उन लोगों के घर पर जाकर या क्वारंटाइन केंद्रों पर जाकर इन लोगों की काउंसिलिंग करती है. यही नहीं फोन के जरिये भी ये मनोरोग विशेषज्ञ लोगों के तनाव और परेशानी को कम कर रहे हैं.
तनावग्रस्त हो रहे हैं लोगटीम के मुताबिक लोगों में एक अजीब उलझन है. उनमें एक तनाव है कि ये संकट कब खत्म होगा और खत्म होगा भी कि नहीं. इसके अलावा क्वारंटाइन किये गए लोगों में एक अनजाना भय है. उन्हें लगता है कि वे इस खतरनाक बीमारी में न फंस जायें. कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें बेकार में ही लाकर क्वारंटाइन कर दिया गया. तमाम लोग जो बाहर के हैं उन्हें अपने घर की चिंता है. वह लोग अपने घर जाना चाहते हैं. तमाम रोजगार और नौकरी छिन जाने से परेशान हैं.
मनोचिकित्सकों की परेशानी
मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि जब लॉकडाउन खत्म होगा तो आगे और बड़ी समस्याएं आ सकती हैं. लोग जब अपने बीते दो महीने का एनालिसिस करेंगे कि उनका रोजगार ठप हो गया. फाइनेंशियल लॉस हो गया है. तब लोग इन बातों को सोंचेंगे तो तनाव और बढ़ेगा. ऐसे में एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. यही कारण है कि मनोचिकित्सक लोगों को हर तरह से तैयार कर रहे हैं.