ETV Bharat / state

बाराबंकी: लॉकडाउन पर भारी भूख - उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों के बच्चे अपने घरों से निकलकर कूड़ा बीनने को मजबूर हैं. इन बच्चों को ना लॉकडाउन की परवाह है ना कोरोना वायरस के खतरे का डर इन्हें तो चिंता है बस अपने और अपने परिवार के भूख की.

etv bharat
लॉकडाउन में भी कूड़ा बीनने को मजबूर हैं
author img

By

Published : Apr 22, 2020, 4:17 AM IST

Updated : May 24, 2020, 2:12 PM IST

बाराबंकी: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन के दौरान हर कोई अपने-अपने घरों में कैद हैं. लेकिन कूड़े कचरे में अपना जीवन तलाशने वाले बच्चों को इससे कोई मतलब नहीं. कम से कम बाराबंकी में तो यही दिखाई दे रहा है. दीन दुनिया से बेखबर ये बच्चे सामान्य दिनों की तरह कूड़े के ढेर से बस ज्यादा से ज्यादा शीशी-बोतलें इकट्ठा करने में जुटे हैं जिससे इन्हें थोड़े से पैसे मिल सकें.

मंगलवार को जिले के पटेल तिराहे पर दो बच्चे हाथ में थैला लिए कूड़े से बोतलें इकट्ठा कर रहे थे. इन्हें न तो लॉकडाउन का खौफ था और न ही चिंता. इस बाबत जब हमने उन बच्चों से पूछा कि वे घर मे क्यों नही रह रहे हैं तो वे भाग खड़े हुए.

जिले में तमाम परिवार हैं जो झुग्गी झोपड़ी में रहकर मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. जिनमें से कई बच्चे इसी तरह नालियों और कूड़े कचरे में पड़े सामान इकट्ठा कर परिवार का हाथ बंटाते हैं. शायद यही वजह है कि इन्हें लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं हैं. इन्हें तो बस परिवार का हाथ बंटाना है.

बाराबंकी: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन के दौरान हर कोई अपने-अपने घरों में कैद हैं. लेकिन कूड़े कचरे में अपना जीवन तलाशने वाले बच्चों को इससे कोई मतलब नहीं. कम से कम बाराबंकी में तो यही दिखाई दे रहा है. दीन दुनिया से बेखबर ये बच्चे सामान्य दिनों की तरह कूड़े के ढेर से बस ज्यादा से ज्यादा शीशी-बोतलें इकट्ठा करने में जुटे हैं जिससे इन्हें थोड़े से पैसे मिल सकें.

मंगलवार को जिले के पटेल तिराहे पर दो बच्चे हाथ में थैला लिए कूड़े से बोतलें इकट्ठा कर रहे थे. इन्हें न तो लॉकडाउन का खौफ था और न ही चिंता. इस बाबत जब हमने उन बच्चों से पूछा कि वे घर मे क्यों नही रह रहे हैं तो वे भाग खड़े हुए.

जिले में तमाम परिवार हैं जो झुग्गी झोपड़ी में रहकर मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. जिनमें से कई बच्चे इसी तरह नालियों और कूड़े कचरे में पड़े सामान इकट्ठा कर परिवार का हाथ बंटाते हैं. शायद यही वजह है कि इन्हें लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं हैं. इन्हें तो बस परिवार का हाथ बंटाना है.

Last Updated : May 24, 2020, 2:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.