बाराबंकी: जिले में एक मंदिर में चोरी करने के बाद जब बदमाश पकड़े नहीं गए, तो उनके हौसले और भी बुलंद हो गए. चोरों ने इसके बाद एक और मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया. लेकिन, इस बार डॉग स्क्वायड ने पुलिस को जो क्लू दिया, उसकी मदद से पुलिस ने मंगलवार को तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है.पकड़े गए तीनों आरोपियों ने चोरी का माल एक बाग में गड्ढा खोदकर दबा दिया था, जिसे पुलिस ने उनकी निशानदेही पर बरामद कर लिया है. इनके कब्जे से चोरी में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण भी बरामद किए गए हैं.
सुबेहा थाना क्षेत्र के सुबेहा कस्बे में जवाहरनगर मोहल्ले में स्थित संकट मोचन श्री हनुमान मंदिर से मिला हुआ एक और मां राजेश्वरी दुर्गा मंदिर है. 2 नवम्बर को मंदिर का चैनल खोलकर चोर चांदी का मुकुट,चांदी का त्रिशूल,मांगबेदी, दानपात्र जिसमें तकरीबन 50 हजार रुपये थे चोरी कर ले गए थे. खाली दानपात्र मंदिर के पीछे पड़ा मिला था. पुलिस इस चोरी के खुलासे के लगी थी. इसी बीच 22 दिसम्बर की रात श्री हनुमान मंदिर में घुसकर एक बार फिर अज्ञात चोरों ने चांदी का मुकुट, दानपात्र में रखे करीब 20 हजार रुपये ताला तोड़कर उठा ले गए. साथ ही एक साउंड मशीन भी उठा ले गए. एक के बाद एक हुई चोरियों ने पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा दिया.
चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की. मौके पर फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया.पुलिस का डॉग इधर-उधर घूमता रहा और फिर मोहल्ला माफी जवाहरनगर वार्ड निवासी सोनेलाल उर्फ ननकू के घर तक जा पहुंचा. बस पुलिस को सोनेलाल पर संदेह हुआ. जब पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़नी शुरू की तो मंदिर में हुई इन चोरियों का खुलासा हो गया.
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पुलिस ने जब सोनेलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर इन वारदातों को अंजाम देने की बात कुबूल कर ली. फिलहाल, पुलिस ने मोहल्ला माफी जवाहरनगर कस्बा सुबेहा निवासी रामबरन गौतम और सोनेलाल उर्फ ननकू और तीसरे आरोपी सुबेहा थाना क्षेत्र के रोहना मीरपुर निवासी शिवप्रसाद को आज गिरफ्तार कर लिया.आरोपियों के कब्जे से चोरी में प्रयुक्त किये गए उपकरण और एक बाग में जमीन खोदकर दबाए गए चोरी के सामान को इनकी निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है.
एडिशनल एसपी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपी सोनेलाल ने कहा कि वह मंदिर पर रोज जाता था. इसी बीच उसकी दोस्ती मंदिर के पुजारी से हो गई.मंदिर के पुजारी ने भरोसा करके सोनेलाल को बता दिया कि दानपात्र में करीब 50-60 हजार रुपया है. बस सोनेलाल की नीयत बदल गई और उसने अपने साथियों संग चोरी की घटना को अंजाम देने की योजना बनाई. चोरी के बाद जब तमाम दिनों तक वे पकड़े नही गए तो, उनके हौसले बढ़ गए और फिर उन्होंने दूसरे मंदिर में भी चोरी कर डाली. आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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