बाराबंकी: जिले में हुई युवक की हत्या मामले में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं. यहां एक शख्स ने अपने दोस्त की पहले अपनी ही महिला मित्र से दोस्ती कराई. इसके बाद जब दोनों में दोस्ती चरम पर पहुंच गई तो उपेक्षित देख एक दिन दोस्त को बुलाकर साथियों संग उसकी हत्या कर दी. यही नहीं साक्ष्य को छुपाने के लिए उसने दोस्त की मोटरसाइकिल के कई पार्ट कर उसे नहर में फेंक दिया. बीते 12 जुलाई को हुए इस हत्याकांड का बाराबंकी पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले की केंद्र बिंदु रही महिला समेत चार युवकों को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि बीती 12 जुलाई को हैदरगढ़ कोतवाली के सीठूमऊ के महादेवन घाट नहर में एक युवक का शव पाया गया था. शव के पास ही एक हेलमेट भी पड़ा था. सूचना पर पहुंची हैदरगढ़ पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस ने उसका फोटो और कपड़ों की फोटो खींचकर पहचान के लिए सोशल मीडिया पर डाला गया. साथ की आसपास के जनपदों में थानों से गुमशुदा लोगों की जानकारी ली गई तो 13 जुलाई को लखनऊ के गोसाईगंज थाने में रसूलपुर टिकनियमऊ गांव के पूरन नाम के एक शख्स के गायब पाए जाने की सूचना मिली. इसी आधार पर परिजनों को बुलाकर मृतक के जूते, बेल्ट और कपड़ों को देखकर पहचान कराई गई तो शव पूरन का ही निकला. इस मामले में परिजनों ने 20 जुलाई को एक युवती शबनम और जुबेर निवासी बनकोट थाना सुबेहा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने साक्ष्य संकलन करते हुए बुधवार को सीठूमऊ के रहने वाले सलामत, दांदूपुर के रहने वाले धर्मराज केवट, असंदरा थाने के लोनिगढ़ी निवासी दुखहरन केवट और हैदरगढ़ कोतवाली के मोती सिंह का पुरवा निवासी बलराम को दतौली चौराहा स्थित बलराम की दुकान से गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही सुबेहा थाना के बनकोट की रहने वाली महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
दिन में हत्या करने से साथी ने किया था मना
सलामत ने अपने साथियों धर्मराज और दुखहरन केवट को अपने प्लान में शामिल कर लिया. बीती 9 जुलाई को सलामत के कहने पर युवती ने पूरन को फोन कर मिलने के लिए बुलाया और फिर पांच सौ रुपये देकर सलामत को देने के लिए बहाना बनाकर भेज दिया. उधर जब पूरन अपनी मोटरसाइकिल से पांच सौ रुपये लेकर सलामत के पास पहुंचा तो योजना के तहत सलामत ने धर्मराज और दुखहरन को हत्या करने के लिए कहा, लेकिन ऐन वक्त पर दुखहरन ने दिन में हत्या करने से मना कर दिया.
रात में दिया हत्या को अंजाम
शाम को सलामत पूरन को शराब पिलाने के बहाने करौंदी चौराहे पर ले गया, जहां दोनों ने एक साथ शराब पी. रात हो जाने पर सलामत पूरन को अपने गांव के किनारे बरसाती नाले के जंगल मे ले गया, जहां दुखहरन और धर्मराज दोनों पहले से ही मौजूद थे. तीनो ने मिलकर गमछे से पूरन का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और शव को नाले में दबा दिया. वहीं पर उसका हेलमेट भी फेंक दिया और उसकी मोटरसाइकिल ले जाकर अपने दोस्त बलराम मिस्त्री से खुलवाया. कुछ पार्ट्स उसको बेच दिए बाकी ले जाकर नैपुरा गांव के पास एक नाले में फेंक दिया था.