बाराबंकी : जिले में प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान उस वक्त असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, जब उनके काफिले को पुलिस प्रशासन ने धनोखर चौराहे पर रोक दिया. इस दौरान प्रियंका और उनके साथ गाड़ी पर सवार पीएल पुनिया घंटाघर की ओर काफिला ले जाने को कहते रहे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें बढ़ने नहीं दिया और दूसरे रुट से जाने को कहा. आखिरकार आधे घंटे से ज्यादा तक चली बातचीत और नोकझोंक के बाद नाराज प्रियंका पैदल ही चल पड़ीं, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रशासन पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.
क्या है पूरा मामला
- जिले में शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान अचानक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई.
- प्रियंका गांधी का काफिला छाया, नेबलेट तिराहा होते हुए धनोखर चौराहे पहुंचा.
- यहां मंदिर में प्रियंका ने पूजा-अर्चना की, उसके बाद जैसे ही काफिला घंटाघर की ओर आगे बढ़ा पुलिस ने उसे रोक दिया.
- दरअसल, रोड शो के रूट को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई.
- काफिले को धनोखर चौराहा, घंटा घर होते हुए फजलुर रहमान पार्क जाना था, लेकिन पुलिस प्रशासन का कहना था कि रुट का परमिशन नहीं है.
- पीएल पूनिया का कहना था कि उन्होंने परमिशन ले रखी है. काफी देर चली बहस के बाद प्रियंका गांधी नाराज हो गईं.
- प्रियंका का भी कहना था कि जब परमिशन है, तो वे उसी रूट से जाएंगी. काफी गहमा-गहमी के बाद प्रियंका पैदल ही चल पड़ी, तो प्रशासन के हाथ पैर फूल गए.
इसी बीच अचानक लाइट चली गई. इससे कांग्रेसी आक्रोशित हो गए, उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए भाजपा की साजिश करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के लोगों के कहने पर लाइट काट दी गई और रूट को लेकर बाधा उत्पन्न की गई, जिससे रोड शो न हो सके. जिला प्रवक्ता ने सीधे तौर पर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है.