बाराबंकी : न्यायालय के स्थगन आदेश को नजरअंदाज कर बेशकीमती जमीन का बैनामा करने के एक मामले में सिविल जज जूनियर ने खान जीशान मसूद ने उपनिबंधक नवाबगंज और निबंधक कार्यालय के क्लर्क समेत पांच को नोटिस जारी की है. न्यायालय ने जवाब के लिए विपक्षीगण को 3 अक्टूबर 2021 को तलब किया है.
क्या है मामला
नवाबगंज तहसील के कस्बा बांसा के रहने वाले मोहम्मद इरशाद ने बताया कि उसने हंसराज व उसकी मां रमरता निवासी ग्राम बघौरा से भूमि क्रय करने के लिए 11 मार्च 2016 को गाटा संख्या 960 रकबा 0.306 के छठे हिस्से के हिस्सेदार हंसराज और रमरता से रजिस्टर्ड इकरारनामा इस शर्त पर कराया था कि जब इस जमीन को खेती से आवासीय घोषित करा लिया जाएगा तो वो उसको बैनामा कर देंगे. कुछ समय बाद रमरता की मृत्यु हो गई. जिसके बाद हंसराज अपनी मां के हिस्से की जमीन का हकदार हो गया. इस बीच 11 जून 2021 को यह जमीन तहसील प्रशासन ने खेती से आकृषक यानी आवासीय घोषित कर दी. मोहम्मद इरशाद ने जमीन के मालिक हंसराज से बैनामा करने को कहा और फिर नोटिस दी. जब नोटिस का जवाब हंसराज ने नहीं दिया तो इरशाद ने 6 जून 2021 को सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट नम्बर 13 में मुकदमा दायर कर कोर्ट से मांग की कि हंसराज एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार उसको जमीन का बैनामा नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने इस पर 31 अगस्त को हंसराज को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. उसके बाद अगली पेशी 10 सितम्बर को कोर्ट ने एक आदेश जारी कर सम्बंधित जमीन के विक्रय व अंतरण पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी.
वादी मोहम्मद इरशाद ने बताया कि उसने कोर्ट के आदेश की प्रति 18 सितम्बर को निबंधक कार्यालय नवाबगंज को प्राप्त करा दी. बावजूद इसके इस आदेश को नजरअंदाज कर निबंधक सुनीता बाजपेयी व क्लर्क एसबी सिंह ने 20 सितम्बर 2021 को सम्बंधित जमीन का बैनामा हंसराज की ओर से बलरामपुर निवासी सायमा खान व आफाक के नाम कर दिया.
इससे परेशान होकर याची मोहम्मद इरशाद ने अपने अधिवक्ता सुनील कुमार वर्मा के जरिये विक्रेता हंसराज व क्रेता सायमा खान और आफाक अहमद,उपनिबंधक सदर सुनीता बाजपेयी और निबंधक सदर लिपिक एसबी सिंह के विरुद्ध अवमानना कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र देकर सिविल कारावास और जुर्माने से दंडित करने की मांग की. सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट नम्बर 13 खान जीशान मसूद ने अगली सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर 2021 की तिथि नियत की है.