बाराबंकी: पुलिस ने भाजपा के बूथ अध्यक्ष की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया है. इस मामले में नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया. सुबेहा थाना क्षेत्र के पूरे पंडित मजरे थलवारा निवासी 60 वर्षीय हरिहर सिंह की दो दिन पहले यानी 8 अगस्त को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने शव को घर के पीछे थोड़ी दूर पर झाड़ियों में फेंक दिया था. रविवार की सुबह यानी 9 अगस्त को उधर से निकल रहे बच्चों ने शव देखा तो हड़कंप मच गया. मृतक हरिहर सिंह भाजपा बूथ अध्यक्ष थे और उनकी हत्या से पूरे इलाके में हड़कम्प मच गया.
फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड की टीमें बुलाई गईं और मौके से तमाम साक्ष्य इकट्ठा किये गए. हरिहर सिंह के साले रत्नेश सिंह की तहरीर पर चार लोगों को नामजद किया गया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गला दबाकर हत्या किए जाने की बात सामने आयी. गला भी कटा हुआ था. इसको लेकर पुलिस ने पड़ताल शुरू की और कड़ी से कड़ी जोड़नी शुरू की तो इस सनसनीखेज हत्याकांड की परत दर परत खुलती चली गयी.
पुलिस ने इस मामले में नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें हरिहर सिंह के दो भांजे निर्मल सिंह और हरविंदर सिंह उर्फ डब्लू, बहनोई शिवकुमार सिंह, पड़ोसी रामकरन सिंह, रामकरन के तीन लड़के आलोक सिंह, अंकित सिंह, अतुल सिंह और रामकरन के दो रिश्तेदार अमित सिंह और अजय सिंह गिरफ्तार किए गए. पुलिस ने इनके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया.
हरिहर सिंह के कोई संतान नही थी. करीब दो महीने पहले इनकी पत्नी की भी मौत हो गई थी. हरिहर सिंह की तीन बहने थीं, जो अपनी ससुराल में रहती थीं. हरिहर सिंह के पास करीब छह बीघा जमीन थी, मकान था और एक पोल्ट्रीफार्म खोल रखा था. हरिहर सिंह ने अपना पोल्ट्रीफार्म गांव के ही रामकरन सिंह को चलाने के लिए दे रखा था. हरिहर सिंह अकेले रहते थे. वो अपनी प्रॉपर्टी अपनी बहनों को नहीं देना चाहते थे. वर्ष 2018 में उन्होंने अपने साले रत्नेश सिंह का नाम अपने गांव में कुटुंब रजिस्टर में दर्ज करा दिया था. हरिहर अपनी प्रॉपर्टी अपने साले को देना चाहते थे. बस इसी बात को लेकर हरिहर सिंह के बहन-बहनोई उससे चिढ़ने लगे. लिहाजा उन्होंने हरिहर सिंह की हत्या की योजना बनाई.
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हरिहर के बहनोई शिवकुमार सिंह और दूसरे बहनोई सत्यनाम सिंह के दो बेटों निर्मल सिंह और हरविंदर सिंह पोल्ट्रीफार्म चलाने वाले रामकरन से मिले. इन लोगों ने रामकरन को लालच दिया कि हरिहर की हत्या के बाद उनका पोल्ट्रीफार्म, मकान और तीन लाख रुपये मिलेंगे. इस तरह इन लोगों ने रामकरन को हत्या करने के लिए राजी कर लिया.
रामकरन ने ये बात अपने बेटों और दो रिश्तेदारों से बताई. फिर बेटों के साथ मिलकर हत्या का प्लान तैयार किया. योजना के अनुसार रात को रामकरन के तीनो बेटों अंकित, अतुल और आलोक ने रिश्तेदार अमित और अजय के साथ मिलकर घर के बाहर सो रहे हरिहर सिंह का गला दबाकर हत्या कर दी. हरिहर किसी भी कीमत पर जिंदा न बचे इसलिए अमित और आलोक ने चाकू से गला काट दिया. उसके बाद इन लोगों ने शव को घर के पास झाड़ियों में फेंक दिया था.