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अफीम की खेती के लाइसेंस का बदला आधार, मार्फीन स्ट्रेन्थ को बनाया मानक

10 अक्टूबर के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के किसानों को बाराबंकी कार्यालय से लाइसेंस जारी किए जाएंगे. जिसके लिए करीब साढ़े तीन हजार किसानों को पात्र मानते हुए विभाग ने लाइसेंस जारी करने की कवायद शुरू कर दी है.

अफीम के किसानों को अब नए नियम के तहत मिलेगा लाइसेंस
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Published : Oct 6, 2019, 8:16 PM IST

बाराबंकी: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पोस्ता की खेती करने वाले किसानों को लाइसेंस जारी करने का आधार बदल दिया है. अब लाइसेंस का आधार अफीम का औसत नहीं बल्कि मार्फीन की स्ट्रेंथ होगी. इसके तहत प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसान ही लाइसेंस के पात्र होंगे. इस बार चार कैटेगरी के किसानों को लाइसेंस मिलेगा.

अफीम के किसानों को अब नए नियम के तहत मिलेगा लाइसेंस.

उत्तर प्रदेश के 9 जिलों बदायूं , बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में ही पोस्ता की खेती की जाती है. इसमें बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों के किसानों को लाइसेंस जारी करने और उनसे अफीम लेने के लिए बरेली को मुख्यालय बनाया गया है. बाकी के 6 जिलों के किसानों को लाइसेंस देने का काम बाराबंकी कार्यालय करता है.

इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: इलेक्ट्रॉनिक कचरे ने बिगाड़ी पीतल नगरी की सेहत, प्रदूषण के चलते जीना हुआ मुहाल

जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि इस बार केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने लाइसेंस नीति में बदलाव किये हैं. इस बार लाइसेंस उन्हीं किसानों को दिए जाएंगे, जिन्होंने पिछले वर्ष प्रति हेक्टेयर 52 किलो अफीम दी हो या उस अफीम में साढ़े चार किलो मार्फीन रही हो. इससे कम औसत देने वाले किसान लाइसेंस के पात्र नहीं होंगे.

किनको मिलेगा लाइसेंस
इस बार चार कटेगिरी के किसानों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे. जिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने बताया कि प्रति हेक्टेयर 4.5 किलो मार्फीन स्ट्रेन्थ वाले किसानों को 5 ऐरी, 4.5 से 5.4 किलो वालों को 6 ऐरी, 5.4 से 5.9 किलों वालों को 10 ऐरी और 5.9 किलो से ज्यादा औसत देने वाले किसानों को 12 ऐरी क्षेत्रफल के लाइसेंस जारी किए जाएंगे. इसके साथ ही उन किसानों को भी लाइसेंस दिए जाएंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी और उन्होंने विभाग की देख-रेख में अपनी फसल जोत डाली थी.

कितने किसान हैं लाइसेंस के लिए पात्र
जिला अफीम अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाराबंकी डिवीजन में आने वाले 6 जिलों के 3100 किसान इस वर्ष लाइसेंस के लिए पात्र हैं. पिछले वर्ष 3657 किसानों ने पोस्ता बोया था, लेकिन उसमें महज 1443 किसानों ने ही अफीम जमा की थी. फसल खराब होने के चलते 2178 किसानों ने अपनी फसल को जोतवा दिया था, जबकि 36 किसानों ने लाइसेंस तो लिया, लेकिन बोआई नहीं की.

बाराबंकी: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पोस्ता की खेती करने वाले किसानों को लाइसेंस जारी करने का आधार बदल दिया है. अब लाइसेंस का आधार अफीम का औसत नहीं बल्कि मार्फीन की स्ट्रेंथ होगी. इसके तहत प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसान ही लाइसेंस के पात्र होंगे. इस बार चार कैटेगरी के किसानों को लाइसेंस मिलेगा.

अफीम के किसानों को अब नए नियम के तहत मिलेगा लाइसेंस.

उत्तर प्रदेश के 9 जिलों बदायूं , बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में ही पोस्ता की खेती की जाती है. इसमें बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों के किसानों को लाइसेंस जारी करने और उनसे अफीम लेने के लिए बरेली को मुख्यालय बनाया गया है. बाकी के 6 जिलों के किसानों को लाइसेंस देने का काम बाराबंकी कार्यालय करता है.

इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: इलेक्ट्रॉनिक कचरे ने बिगाड़ी पीतल नगरी की सेहत, प्रदूषण के चलते जीना हुआ मुहाल

जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि इस बार केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने लाइसेंस नीति में बदलाव किये हैं. इस बार लाइसेंस उन्हीं किसानों को दिए जाएंगे, जिन्होंने पिछले वर्ष प्रति हेक्टेयर 52 किलो अफीम दी हो या उस अफीम में साढ़े चार किलो मार्फीन रही हो. इससे कम औसत देने वाले किसान लाइसेंस के पात्र नहीं होंगे.

किनको मिलेगा लाइसेंस
इस बार चार कटेगिरी के किसानों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे. जिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने बताया कि प्रति हेक्टेयर 4.5 किलो मार्फीन स्ट्रेन्थ वाले किसानों को 5 ऐरी, 4.5 से 5.4 किलो वालों को 6 ऐरी, 5.4 से 5.9 किलों वालों को 10 ऐरी और 5.9 किलो से ज्यादा औसत देने वाले किसानों को 12 ऐरी क्षेत्रफल के लाइसेंस जारी किए जाएंगे. इसके साथ ही उन किसानों को भी लाइसेंस दिए जाएंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी और उन्होंने विभाग की देख-रेख में अपनी फसल जोत डाली थी.

कितने किसान हैं लाइसेंस के लिए पात्र
जिला अफीम अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाराबंकी डिवीजन में आने वाले 6 जिलों के 3100 किसान इस वर्ष लाइसेंस के लिए पात्र हैं. पिछले वर्ष 3657 किसानों ने पोस्ता बोया था, लेकिन उसमें महज 1443 किसानों ने ही अफीम जमा की थी. फसल खराब होने के चलते 2178 किसानों ने अपनी फसल को जोतवा दिया था, जबकि 36 किसानों ने लाइसेंस तो लिया, लेकिन बोआई नहीं की.

Intro:बाराबंकी ,06 अक्टूबर । केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पोस्ता की खेती करने वाले किसानों को लाइसेंस जारी करने का आधार बदल दिया है । अब लाइसेंस का आधार अफीम का औसत नही बल्कि मार्फीन की स्ट्रेंथ होगी । प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसान ही लाइसेंस के पात्र होंगे । इस बार 4 कटेगरी के किसानों को लाइसेंस मिलेगा । दस अक्टूबर के बाद पूर्वी उत्तरप्रदेश के 6 जिलों के किसानों को बाराबंकी कार्यलय से लाइसेंस जारी किए जाएंगे । विभाग ने करीब साढ़े तीन हजार किसानों को पात्र मानते हुए उनको लाइसेंस जारी करने की कवायद शुरू कर दी है ।


Body:वीओ - बताते चलें उत्तरप्रदेश में महज 9 जिलों बदायूं ,बरेली,शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैज़ाबाद,रायबरेली, मऊ और गाज़ीपुर में ही पोस्ता की खेती की जाती है । जिसमे बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर इन तीन जिलों के किसानों को लाइसेंस जारी करने और उनसे अफीम लेने के लिए बरेली को मुख्यालय बनाया गया है जबकि बाकी के 6 जिलों के किसानों को लाइसेंस देने का काम बाराबंकी कार्यलय करता है । जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि इस बार केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने लाइसेंस नीति में बदलाव किये हैं । इस बार लाइसेंस उन्ही किसानों को दिए जाएंगे जिन्होंने पिछले वर्ष प्रति हेक्टेयर 52 किलो अफीम दी हो या उस अफीम में साढ़े चार किलो मार्फीन रही हो । इससे कम औसत देने वाले किसान लाइसेंस के पात्र नही होंगे ।
बाईट- सीएस प्रसाद , जिला अफीम अधिकारी, बाराबंकी डिवीजन

किनको मिलेगा लाइसेंस

इस बार चार कटेगरी के किसानों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे । जिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने बताया कि प्रति हेक्टेयर 4.5 किलो मार्फीन स्ट्रेन्थ वाले किसानों को 5 ऐरी, 4.5 से 5.4 किलो वालों को 6 ऐरी, 5.4 से 5.9 किलों वालों को 10 ऐरी और 5.9किलो से ज्यादा औसत देने वाले किसानों को 12 ऐरी क्षेत्रफल के लाइसेंस जारी किए जाएंगे ।

इसके अलावा और किनको मिलेगा लाइसेंस

उन किसानों को भी लाइसेंस दिए जाएंगे जिनकी फसल खराब हो गई थी और उन्होंने विभाग की देख रेख में अपनी फसल जोत डाली थी ।
उन किसानों के वारिसों को भी लाइसेंस दिया जाएगा जो पिछले वर्ष पात्र थे लेकिन मर जाने के चलते उनको लाइसेंस नही दिया जा सका था । ऐसे सभी किसानों को केवल 5 ऐरी रकबे का लाइसेंस दिया जाएगा ।

कितने किसान लाइसेंस के लिए हैं पात्र

जिला अफीम अधिकारी ने बताया कि बाराबंकी डिवीजन में आने वाले 6 जिलों के 31 सौ किसान इस वर्ष लाइसेंस के लिए पात्र हैं ।पिछले वर्ष 3657 किसानों ने पोस्ता बोया था लेकिन उसमें महज 1443 किसानों ने ही अफीम जमा की थी । फसल खराब होने के चलते 2178 किसानों ने अपनी फसल जोतवा दिया था जबकि 36 किसानों ने लाइसेंस तो लिया लेकिन बोआई नही की ।


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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