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चाचा की गोली मारकर हत्या के प्रयास में भतीजे को 7 साल का कारावास

बाराबंकी में चाचा की गोली मारकर हत्या के प्रयास में भतीजे को 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई.

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Published : Dec 5, 2022, 8:24 PM IST

बाराबंकी: जमीन के विवाद में चाचा की गोली मारकर हत्या के प्रयास में भतीजे को कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 7 साल के कारावास के साथ 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला न्यायालय सत्र न्यायाधीश रवींद्र नाथ दुबे ने सुनाया है.

5 दिसंबर को करीब 22 साल पुराने जमीन के विवाद में भतीजे ने चाचा की गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया था. इस मामले में बाराबंकी जिला कोर्ट ने आरोपी को 7 साल की जेल (Nephew jailed for 7 years in barabanki) का फैसला सुनाया है. अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए जिला अभियोजक अधिकारी राजेश पांडेय और आशीष शरण गुप्ता ने बताया कि वादी विशाल सिंह यादव पुत्र रामचन्द्र निवासी कटरा अहिरनपुरवा थाना नगर कोतवाली ने थाने में 26 मार्च 2000 को तहरीर दी थी कि उसके बाबा मैकूलाल के नाम 12 बीघा जमीन थी. मैकूलाल के तीन लड़के बैजनाथ यादव, गुरुप्रसाद और रामचंद्र थे. मैकूलाल ने 6 बीघा जमीन गुरुप्रसाद के नाम से खरीदी थी. बाबा के मरने के बाद रामचंद्र और बैजनाथ चाहते थे कि 12 बीघा जमीन में 6-6 बीघा जमीन उन दोनों के नाम हो जाए, जिसमें गुरुप्रसाद को बयान देना था.

वादी के पिता रामचंद्र ने उसके ताऊ गुरुप्रसाद से कई बार कहा था. लेकिन, वो आनाकानी करते रहे. इसी बात को लेकर उसके ताऊ रंजिश भी मानने लगे. घटना वाले दिन यानी 26 मार्च शाम को उसके पिता खेत में रखवाली करने जा रहे थे. रास्ते में प्रह्लाद पुत्र गुरुप्रसाद ने उसके पिता को गालियां देते हुए उन्हें जान से मारने की नीयत से पिता पर गोली (Barabanki attempting to shoot uncle) चला दिया. नगर कोतवाली में 307, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ.

इस मामले में अगले दिन प्रह्लाद की गिरफ्तारी हो गई और उसके पास से अवैध असलहा भी बरामद हो गया. जिसका 3/25 आर्म्स एक्ट का भी मुकदमा दर्ज किया गया है. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. इस मामले में अभियोजन ने पैरवी करके गवाह पेश किए.अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद न्यायालय सत्र न्यायाधीश रवींद्र नाथ दुबे ने आरोपी प्रह्लाद पुत्र गुरुप्रसाद को दोषसिद्ध करते हुए 7 वर्ष का कारावास और 16 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित (Attempted uncle murder by shooting in Barabanki) किया.

पढ़ें- बाराबंकी में गैंगस्टर की 30 लाख की अवैध संपत्ति कुर्क

बाराबंकी: जमीन के विवाद में चाचा की गोली मारकर हत्या के प्रयास में भतीजे को कोर्ट ने 7 साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 7 साल के कारावास के साथ 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला न्यायालय सत्र न्यायाधीश रवींद्र नाथ दुबे ने सुनाया है.

5 दिसंबर को करीब 22 साल पुराने जमीन के विवाद में भतीजे ने चाचा की गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया था. इस मामले में बाराबंकी जिला कोर्ट ने आरोपी को 7 साल की जेल (Nephew jailed for 7 years in barabanki) का फैसला सुनाया है. अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए जिला अभियोजक अधिकारी राजेश पांडेय और आशीष शरण गुप्ता ने बताया कि वादी विशाल सिंह यादव पुत्र रामचन्द्र निवासी कटरा अहिरनपुरवा थाना नगर कोतवाली ने थाने में 26 मार्च 2000 को तहरीर दी थी कि उसके बाबा मैकूलाल के नाम 12 बीघा जमीन थी. मैकूलाल के तीन लड़के बैजनाथ यादव, गुरुप्रसाद और रामचंद्र थे. मैकूलाल ने 6 बीघा जमीन गुरुप्रसाद के नाम से खरीदी थी. बाबा के मरने के बाद रामचंद्र और बैजनाथ चाहते थे कि 12 बीघा जमीन में 6-6 बीघा जमीन उन दोनों के नाम हो जाए, जिसमें गुरुप्रसाद को बयान देना था.

वादी के पिता रामचंद्र ने उसके ताऊ गुरुप्रसाद से कई बार कहा था. लेकिन, वो आनाकानी करते रहे. इसी बात को लेकर उसके ताऊ रंजिश भी मानने लगे. घटना वाले दिन यानी 26 मार्च शाम को उसके पिता खेत में रखवाली करने जा रहे थे. रास्ते में प्रह्लाद पुत्र गुरुप्रसाद ने उसके पिता को गालियां देते हुए उन्हें जान से मारने की नीयत से पिता पर गोली (Barabanki attempting to shoot uncle) चला दिया. नगर कोतवाली में 307, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ.

इस मामले में अगले दिन प्रह्लाद की गिरफ्तारी हो गई और उसके पास से अवैध असलहा भी बरामद हो गया. जिसका 3/25 आर्म्स एक्ट का भी मुकदमा दर्ज किया गया है. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. इस मामले में अभियोजन ने पैरवी करके गवाह पेश किए.अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद न्यायालय सत्र न्यायाधीश रवींद्र नाथ दुबे ने आरोपी प्रह्लाद पुत्र गुरुप्रसाद को दोषसिद्ध करते हुए 7 वर्ष का कारावास और 16 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित (Attempted uncle murder by shooting in Barabanki) किया.

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