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पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर बाराबंकी की नेहा बनीं डिप्टी कलेक्टर

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सोमवार को पीसीएस-2020 का परिणाम घोषित कर दिया था. इसमें बाराबंकी की नेहा मिश्रा ने प्रदेश की टॉप टेन सूची में 10वें नंबर पर अपना नाम दर्ज कराकर जनपद का नाम रोशन किया है.

बन गई डिप्टी कलेक्टर
बन गई डिप्टी कलेक्टर
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Published : Apr 13, 2021, 7:13 AM IST

Updated : Apr 13, 2021, 7:55 AM IST

बाराबंकी: यूपी पीसीएस-2020 में बाराबंकी की नेहा मिश्रा ने टॉप टेन में जगह बनाकर जिले का मान बढ़ाया है. मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाली नेहा का बचपन से ही कलेक्टर बनने का सपना था. यही वजह है कि नायब तहसीलदार के पद पर चयनित होने के बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं की. अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिल्ली जाकर प्राइवेट नौकरी की, ताकि आर्थिक समस्या उनके लक्ष्य के आड़े न आए. इस बार उन्होंने पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हैं.

पूरा किया मां-बाप का सपना
शहर के देवां रोड स्थित सूत मिल कॉलोनी में रहने वाली नेहा मिश्रा के पिता ज्ञान प्रकाश मिश्रा ठेकेदारी करते हैं. जबकि, मां सुनीता मिश्र गृहिणी हैं. नेहा चार भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं. नेहा से छोटा भाई प्रतीक है. वह बी-टेक फाइनल ईयर में है. बहन ग्रेजूएशन कर रही है और भाई प्रशांत बीकॉम कर रहा है.

आर्ट्स से किया ग्रेजुएशन
नेहा ने बचपन से ही कुछ बड़ा बनने का सपना देखा था. नेहा ने शहर के सेंट एंथोनी से पीसीएम से इंटरमीडिएट किया, लेकिन उन्होंने ग्रेजुएशन में साइंस नहीं ली. लखनऊ के आईटी कॉलेज से वर्ष 2016 में बीए किया. नेहा का मानना था कि आर्ट्स सब्जेक्ट से सिविल सर्विस में आसानी से सेलेक्शन मिल जाएगा. इसी वजह से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स और अंग्रेजी विषयों से ग्रेजुएशन किया.

इसे भी पढ़ें : यूपी लोक सेवा आयोग ने जारी किया पीसीएस 2020 फाइनल रिजल्ट

सेंट एंथोनी स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक दिन उनके स्कूल में सीडीओ आए. स्कूल में सीडीओ को मिले सम्मान से नेहा इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने सीडीओ जैसा बनने की ठान ली. ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इसके बाद वर्ष 2017 में उनका सेलेक्शन नायब तहसीलदार के पद पर हो गया, लेकिन उनके कदम यहीं पर नहीं थमे.

नेहा को लगा कि नायब तहसीलदार की नौकरी व्यस्तता वाली है तो उन्हें पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलेगा. इसलिए उन्होंने नौकरी नहीं की. इसके बाद नेहा दिल्ली चली गईं और प्राइवेट नौकरी करते हुए अपनी तैयारी जारी रखी. इस दौरान उनका सेलेक्शन ट्रेजरी ऑफिसर के पद पर भी हुआ था.

बैडमिंटन और गाना सुनने का है शौक
नेहा को बचपन से ही बैडमिंटन खेलना और गीत गाना या सुनना बहुत पसंद है. समाजसेवा के प्रति उनका लगाव रहा है. उन्होंने कई एनजीओ के साथ मिलकर कैंसर और एड्स सोसाइटी के लिए भी काम किया है. नेहा का कहना है कि सफलता के लिए लगातार किताबों में उलझे रहना ठीक नहीं है. अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहना चाहिए. इससे मानसिक विकास होता है.

बाराबंकी: यूपी पीसीएस-2020 में बाराबंकी की नेहा मिश्रा ने टॉप टेन में जगह बनाकर जिले का मान बढ़ाया है. मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाली नेहा का बचपन से ही कलेक्टर बनने का सपना था. यही वजह है कि नायब तहसीलदार के पद पर चयनित होने के बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं की. अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिल्ली जाकर प्राइवेट नौकरी की, ताकि आर्थिक समस्या उनके लक्ष्य के आड़े न आए. इस बार उन्होंने पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हैं.

पूरा किया मां-बाप का सपना
शहर के देवां रोड स्थित सूत मिल कॉलोनी में रहने वाली नेहा मिश्रा के पिता ज्ञान प्रकाश मिश्रा ठेकेदारी करते हैं. जबकि, मां सुनीता मिश्र गृहिणी हैं. नेहा चार भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं. नेहा से छोटा भाई प्रतीक है. वह बी-टेक फाइनल ईयर में है. बहन ग्रेजूएशन कर रही है और भाई प्रशांत बीकॉम कर रहा है.

आर्ट्स से किया ग्रेजुएशन
नेहा ने बचपन से ही कुछ बड़ा बनने का सपना देखा था. नेहा ने शहर के सेंट एंथोनी से पीसीएम से इंटरमीडिएट किया, लेकिन उन्होंने ग्रेजुएशन में साइंस नहीं ली. लखनऊ के आईटी कॉलेज से वर्ष 2016 में बीए किया. नेहा का मानना था कि आर्ट्स सब्जेक्ट से सिविल सर्विस में आसानी से सेलेक्शन मिल जाएगा. इसी वजह से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स और अंग्रेजी विषयों से ग्रेजुएशन किया.

इसे भी पढ़ें : यूपी लोक सेवा आयोग ने जारी किया पीसीएस 2020 फाइनल रिजल्ट

सेंट एंथोनी स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक दिन उनके स्कूल में सीडीओ आए. स्कूल में सीडीओ को मिले सम्मान से नेहा इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने सीडीओ जैसा बनने की ठान ली. ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इसके बाद वर्ष 2017 में उनका सेलेक्शन नायब तहसीलदार के पद पर हो गया, लेकिन उनके कदम यहीं पर नहीं थमे.

नेहा को लगा कि नायब तहसीलदार की नौकरी व्यस्तता वाली है तो उन्हें पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलेगा. इसलिए उन्होंने नौकरी नहीं की. इसके बाद नेहा दिल्ली चली गईं और प्राइवेट नौकरी करते हुए अपनी तैयारी जारी रखी. इस दौरान उनका सेलेक्शन ट्रेजरी ऑफिसर के पद पर भी हुआ था.

बैडमिंटन और गाना सुनने का है शौक
नेहा को बचपन से ही बैडमिंटन खेलना और गीत गाना या सुनना बहुत पसंद है. समाजसेवा के प्रति उनका लगाव रहा है. उन्होंने कई एनजीओ के साथ मिलकर कैंसर और एड्स सोसाइटी के लिए भी काम किया है. नेहा का कहना है कि सफलता के लिए लगातार किताबों में उलझे रहना ठीक नहीं है. अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहना चाहिए. इससे मानसिक विकास होता है.

Last Updated : Apr 13, 2021, 7:55 AM IST
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