ETV Bharat / state

कृषि बिल को नुकसानदायक बताकर कुछ नेता किसानों को कर रहे गुमराह : डॉ. संजय निषाद - कृषि अध्यादेश

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने बाराबंकी में तमाम राजनीतिक दलों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कृषि अध्यादेश चार महीने पहले ही आया था, तब ये नेता और राजनीतिक दल कहां थे. उस समय ये किसानों के बीच क्यों नहीं गए थे.

निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच खड़े संजय निषाद.
निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच खड़े संजय निषाद.
author img

By

Published : Sep 29, 2020, 7:35 PM IST

बाराबंकी: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कृषि बिलों का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल और भ्रष्ट नेता किसानों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले इन कानूनों को एक फसल तक लागू करने दिया जाय और जब ये काला कानून होगा, तो इन्हें सदन से बदल भी दिया जाएगा. संजय निषाद ने सोमवार को बाराबंकी में मीडिया से बातचीत करते हुए तमाम राजनीतिक दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये अध्यादेश चार महीने पहले ही आये थे, तब ये नेता और राजनीतिक दल कहां थे. उस समय ये किसानों के बीच क्यों नहीं गए थे.

आने वाले उपचुनाव और फिर 2022 के लिए होने वाले चुनावों के लिए बूथ स्तर तक कार्यकर्ता बनाने में जुटे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने कृषि बिल को लेकर छिड़े महायुद्ध और प्रदर्शनों को राजनीतिक स्टंट बताया. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां किसानों को गुमराह कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पव्वा भर लोग पॉलिटिकल स्कूल खोलकर झव्वा भर लोगों को पव्वा पिलाकर अपने पैरों पर रखने का काम कर रहे हैं. ये नेता बेरोजगार युवाओं और किसानों को गुमराह कर उनको तबाह करने पर तुले हैं.

संजय निषाद ने कहा कि किसान गंवार है, गरीब है और गुमराह है. कुछ राजनीतिक दल इन्हें बरगलाकर प्रदर्शन को उकसा रहे हैं. उनका कहना है कि पहले इस कानून के नफा नुकसान को एक फसल तक देख लिया जाए. अगर ये नुकसानदायक होगा, तो सदन से बदल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चार महीने पहले ये बिल आया था, उस समय ये नेता कहां थे. उस समय ये किसानों के बीच क्यों नहीं गए थे.

बाराबंकी: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कृषि बिलों का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल और भ्रष्ट नेता किसानों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले इन कानूनों को एक फसल तक लागू करने दिया जाय और जब ये काला कानून होगा, तो इन्हें सदन से बदल भी दिया जाएगा. संजय निषाद ने सोमवार को बाराबंकी में मीडिया से बातचीत करते हुए तमाम राजनीतिक दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये अध्यादेश चार महीने पहले ही आये थे, तब ये नेता और राजनीतिक दल कहां थे. उस समय ये किसानों के बीच क्यों नहीं गए थे.

आने वाले उपचुनाव और फिर 2022 के लिए होने वाले चुनावों के लिए बूथ स्तर तक कार्यकर्ता बनाने में जुटे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने कृषि बिल को लेकर छिड़े महायुद्ध और प्रदर्शनों को राजनीतिक स्टंट बताया. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां किसानों को गुमराह कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पव्वा भर लोग पॉलिटिकल स्कूल खोलकर झव्वा भर लोगों को पव्वा पिलाकर अपने पैरों पर रखने का काम कर रहे हैं. ये नेता बेरोजगार युवाओं और किसानों को गुमराह कर उनको तबाह करने पर तुले हैं.

संजय निषाद ने कहा कि किसान गंवार है, गरीब है और गुमराह है. कुछ राजनीतिक दल इन्हें बरगलाकर प्रदर्शन को उकसा रहे हैं. उनका कहना है कि पहले इस कानून के नफा नुकसान को एक फसल तक देख लिया जाए. अगर ये नुकसानदायक होगा, तो सदन से बदल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चार महीने पहले ये बिल आया था, उस समय ये नेता कहां थे. उस समय ये किसानों के बीच क्यों नहीं गए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.