बाराबंकी: कोरोना काल के बाद पहली बार बाराबंकी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया गया. सोमवार को पूरे रस्मों रिवाज के साथ सैकड़ों जोड़े वैवाहिक बंधक में बंध गये. जिसमें 12 जोड़े मुस्लिम समाज के भी रहे. नगर के जीआईसी ऑडिटोरियम में एक ही पंडाल के नीचे मंत्रोच्चार और निकाह पढ़े गए. गरीबों की बेटियों की शादियां कराने के मकसद से शुरू हुई मुख्यमंत्री समूहिक विवाह योजना दिनों दिन परवान चढ़ती जा रही है. मुस्लिम समाज के लोग भी इस सामूहिक विवाह योजना का खास लाभ उठा रहे हैं.
सोमवार को बाराबंकी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कुल 169 जोड़ों की शादियां सम्पन्न हुईं. जिसमें 157 विवाह हिन्दू रीति रिवाज से तो 12 मुस्लिम जोड़ों के निकाह पढ़े गए. कोविड काल के बाद ये पहला मौका था. जब इतनी धूमधाम से एक ही मंडप में एक साथ इतनी शादियां सम्पन्न हुईं. इस मौके पर उपस्थित होकर जिले के तमाम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया.
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना वर्ष 2017-18 में शुरू की गई थी. योजना के तहत सरकार की ओर से एक बेटी की शादी पर 51 हजार रुपये खर्च किये जाते हैं. इसमें 35 हजार रुपये लड़की के खाते में भेजे जाते हैं. इसके अलावा 10 हजार रुपये का सामान और 6 हजार रुपये आयोजन में खर्च किया जाता है.
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