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बाराबंकी: NRC को लेकर नगर पालिका ने शुरू की झुग्गी बस्ती की पड़ताल - nagar palika barabanki

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की व्यवस्था पूरे देश में लागू करने के तौर तरीकों पर केन्द्र सरकार ने अभी भले ही कोई ठोस फैसला न किया हो, लेकिन बाराबंकी नगर पालिका ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए शहर के आसपास अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों की नागरिकता की पड़ताल शुरू कर दी.

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एनआरसी को लेकर नगर पालिका की पड़ताल शुरू
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Published : Dec 11, 2019, 3:03 PM IST

बाराबंकी: इन दिनों नगर पालिका एनआरसी को लेकर एक सर्वे करा रही है. जिसमें अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. आंकड़ों में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी हैं और कितने लोग यहां रह रहे हैं. उनका आधार कार्ड और वोटर आईडी भी चेक किया जा रहा है. इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को सौंपी जाएगी.

एनआरसी को लेकर नगर पालिका की पड़ताल शुरू

खास बातें-

  • एनआरसी को लेकर नगर पालिका ने शहर के आस-पास अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी की जानकारी ली है.
  • साथ ही अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं.
  • आंकड़ों में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी हैं.
  • आधार कार्ड, वोटर आईडी चेक करने के साथ ही वह क्या काम करते हैं इन बातों पर ध्यान दिया जा रहा है.
  • इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को सौंपी जाएगी.

एनआरसी को लेकर नगर पालिका प्रशासन सख्त-
अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की जानकारी कर शासन स्तर पर भेजा जाएगा. नगर पालिका द्वारा एनआरसी के तर्ज पर बाहरी प्रदेशों के अब तक कुल लगभग 200 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है.

झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने बताया-
नगर पालिका क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियां बनाकर रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि वह असम से आकर वह यहां रहते हैं, जिनके बारे में नगरपालिका के अधिकारियों के द्वारा जानकारी ली गई. उनका कहना है कि हम लोग 15 सालों से यहां लावारिस लाशों को दफनाने के लिए बने कब्रगाह के पास रहते हैं और कूड़ा बीनने का काम करते हैं. हम करीब अब 15 परिवार यहां मौजूद हैं, जिसमें 25 बच्चे हैं और इनमें से कुछ बच्चे ही स्कूल जाते हैं.

इस प्रकार का सर्वे करके हम लोग आंकड़ा जुटा रहे हैं. झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी है, कितने सालों से रह रहे हैं और काम क्या करते हैं. जिसकी रिपोर्ट हम पूरी तरीके से तैयार करके अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को उपलब्ध कराएंगे. क्योंकि यह जिम्मेदारी चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी द्वारा मुझे दी गई है.
-पल्लवी अस्थाना, रेवेन्यू इंस्पेक्टर

बाराबंकी: इन दिनों नगर पालिका एनआरसी को लेकर एक सर्वे करा रही है. जिसमें अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. आंकड़ों में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी हैं और कितने लोग यहां रह रहे हैं. उनका आधार कार्ड और वोटर आईडी भी चेक किया जा रहा है. इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को सौंपी जाएगी.

एनआरसी को लेकर नगर पालिका की पड़ताल शुरू

खास बातें-

  • एनआरसी को लेकर नगर पालिका ने शहर के आस-पास अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी की जानकारी ली है.
  • साथ ही अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं.
  • आंकड़ों में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी हैं.
  • आधार कार्ड, वोटर आईडी चेक करने के साथ ही वह क्या काम करते हैं इन बातों पर ध्यान दिया जा रहा है.
  • इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को सौंपी जाएगी.

एनआरसी को लेकर नगर पालिका प्रशासन सख्त-
अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की जानकारी कर शासन स्तर पर भेजा जाएगा. नगर पालिका द्वारा एनआरसी के तर्ज पर बाहरी प्रदेशों के अब तक कुल लगभग 200 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है.

झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने बताया-
नगर पालिका क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियां बनाकर रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि वह असम से आकर वह यहां रहते हैं, जिनके बारे में नगरपालिका के अधिकारियों के द्वारा जानकारी ली गई. उनका कहना है कि हम लोग 15 सालों से यहां लावारिस लाशों को दफनाने के लिए बने कब्रगाह के पास रहते हैं और कूड़ा बीनने का काम करते हैं. हम करीब अब 15 परिवार यहां मौजूद हैं, जिसमें 25 बच्चे हैं और इनमें से कुछ बच्चे ही स्कूल जाते हैं.

इस प्रकार का सर्वे करके हम लोग आंकड़ा जुटा रहे हैं. झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी है, कितने सालों से रह रहे हैं और काम क्या करते हैं. जिसकी रिपोर्ट हम पूरी तरीके से तैयार करके अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को उपलब्ध कराएंगे. क्योंकि यह जिम्मेदारी चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी द्वारा मुझे दी गई है.
-पल्लवी अस्थाना, रेवेन्यू इंस्पेक्टर

Intro:बाराबंकी , 10 दिसंबर। इन दिनों बाराबंकी नगर पालिका करा रही है एक सर्वे. जिसमें अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों के जुटाए जा रहे आंकड़े. आंकड़ों में यह ध्यान दिया जा रहा है कि, झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी हैं? कितने लोग यहां रह रहे हैं ? ,और काम क्या करते हैं? उनका आधार कार्ड और वोटर आईडी भी चेक किया जा रहा है. इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को सौंपकर, शासन स्तर पर भेजा जाएगा. यह खबर तब आ रही है ,जब संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 प्रस्तुत किया जा चुका है. नगर पालिका द्वारा एनआरसी के तर्ज पर बाहरी प्रदेशों के अब तक कुल लगभग 200 लोगों को किया जा चुका है चिन्हित.


Body:देश की संसद में जहां गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश किया जा चुका है, और संसद में इसे लेकर जोरदार बहस भी हो रही है. वहीं दूसरी तरफ बाराबंकी से यह खबर आ रही है कि, नगरपालिका नवाबगंज में झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे लोगों पर एक सर्वे कराया जा रहा है. जिसमें यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग, मूलतः कहां के हैं ? कितने वर्षों से बाराबंकी में रह रहे हैं?, और काम क्या करते हैं ? इस बाबत उन लोगों के आधार कार्ड ,वोटर आईडी और डॉक्यूमेंट भी चेक किए जा रहे हैं.
हमने इस बाबत बाराबंकी के नवाबगंज नगर पालिका में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत की तो पता चला कि, आसाम से आकर वह यहां रहते हैं, जिनके बारे में नगरपालिका के अधिकारियों के द्वारा जानकारी ली गई.
यह लोग पुराने समय में (जंगलनुमा) लावारिस लाशों को दफनाने के लिए बने कब्रगाह के पास, झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. करीब 15 सालों से यह लोग इस स्थान पर रहते हैं ,और कूड़ा बीनने का काम करते हैं. यह लोग इतने दिनों से यहां रह रहे हैं जिसमें से करीब अब 15 परिवार यहां मौजूद हैं. इन परिवारों में लगभग 25 बच्चे हैं और इनमें से 5 या 6 बच्चे ही स्कूल जाते हैं.

बाराबंकी नगर पालिका में यह जानकारी इकट्ठा करने की जिम्मेदारी रेवेन्यू इंस्पेक्टर पल्लवी अस्थाना को दी गई है. जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि, हां इस प्रकार का सर्वे करके हम लोग आंकड़ा जुटा रहे हैं कि, झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले लोग कहां के निवासी है ? कितने सालों से रह रहे हैं? और काम क्या करते हैं? , जिसकी रिपोर्ट हम पूरी तरीके से तैयार करके अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन को उपलब्ध कराएंगे. क्योंकि यह जिम्मेदारी चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी द्वारा मुझे दी गई है ,इसलिए हम इसे करके उन्हें सौंप देंगे.

इस प्रकार से एनआरसी पर बाराबंकी नगर पालिका द्वारा जानकारी और तथ्य इकट्ठा करना ,चौंकाने वाला है.


Conclusion:byte-

1- मोहम्मद असलम उर्फ मुन्ना ( बाराबंकी)

2- चांद मियां, मूलनिवासी , असम.

3- जमींतुल , मूलनिवासी , असम.

4- पल्लवी अस्थाना , रेवेन्यू इंस्पेक्टर ,बाराबंकी नगर पालिका.


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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