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मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में चार और आरोपी गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला - fake voter id

चर्चित एंबुलेंस मामले में बाराबंकी की पुलिस ने बुधवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं.

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मुख्तार अंसारी चर्चित एम्बुलेंस मामला
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Published : Mar 30, 2022, 9:13 PM IST

बाराबंकी: चर्चित एंबुलेंस मामले में बाराबंकी की पुलिस ने बुधवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन लोगों की गिरफ्तारी नगर कोतवाली के असैनी मोड़ पर ओवरब्रिज के समीप हुई. इस मामले में शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुईं हैं. पुलिस ने मंगलवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुरेंद्र शर्मा, फिरोज कुरेशी, सलीम और राजनाथ यादव के रूप में हुई है.

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की जा रही चर्चित एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी सहित 13 लोगों पर मुकदमा अपराध संख्या 287/2022 पर धारा 3(1) यूपी गैंगेस्टर एक्ट का एक और मामला दो दिन पहले नगर कोतवाली में दर्ज किया गया था. मुकदमे के बाद बाराबंकी पुलिस ने दो आरोपियों डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को मऊ जिले से गिरफ्तार कर लिया.

मंगलवार को दोनों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट की अदालत में पेश किया गया था जहां कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेकर 27 अप्रैल तक के लिए जेल भेज दिया था. उसी मामले में बुधवार को इनकी ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तारी हुई. मार्च 2021 में माफिया मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस के चर्चा में आने के बाद भाजपा नेत्री रही डॉ. अलका राय और डॉ. शेषनाथ रॉय दोनों को बाराबंकी पुलिस ने मऊ से गिरफ्तार किया था. दोनों 8 महीने तक जेल में रहे थे.

इसे भी पढ़ेंः मुख्तार अंसारी एंबुलेंस की गुत्थी अटकी, एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ी
क्या है एंबुलेंस मामला
31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया गया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई.

इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था. इस मामले में मुख्तार अंसारी बांदा जेल में निरुद्ध है. बाकी अभियुक्त बाराबंकी जेल में थे. इसमें कई अभियुक्तों की जमानत हो गई थी. इस मामले में विवेचक ने जुलाई 21 में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. अब इसी मामले में गैंगस्टर लगाया गया है.
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बाराबंकी: चर्चित एंबुलेंस मामले में बाराबंकी की पुलिस ने बुधवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन लोगों की गिरफ्तारी नगर कोतवाली के असैनी मोड़ पर ओवरब्रिज के समीप हुई. इस मामले में शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुईं हैं. पुलिस ने मंगलवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुरेंद्र शर्मा, फिरोज कुरेशी, सलीम और राजनाथ यादव के रूप में हुई है.

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की जा रही चर्चित एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी सहित 13 लोगों पर मुकदमा अपराध संख्या 287/2022 पर धारा 3(1) यूपी गैंगेस्टर एक्ट का एक और मामला दो दिन पहले नगर कोतवाली में दर्ज किया गया था. मुकदमे के बाद बाराबंकी पुलिस ने दो आरोपियों डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को मऊ जिले से गिरफ्तार कर लिया.

मंगलवार को दोनों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट की अदालत में पेश किया गया था जहां कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेकर 27 अप्रैल तक के लिए जेल भेज दिया था. उसी मामले में बुधवार को इनकी ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तारी हुई. मार्च 2021 में माफिया मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस के चर्चा में आने के बाद भाजपा नेत्री रही डॉ. अलका राय और डॉ. शेषनाथ रॉय दोनों को बाराबंकी पुलिस ने मऊ से गिरफ्तार किया था. दोनों 8 महीने तक जेल में रहे थे.

इसे भी पढ़ेंः मुख्तार अंसारी एंबुलेंस की गुत्थी अटकी, एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ी
क्या है एंबुलेंस मामला
31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया गया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई.

इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था. इस मामले में मुख्तार अंसारी बांदा जेल में निरुद्ध है. बाकी अभियुक्त बाराबंकी जेल में थे. इसमें कई अभियुक्तों की जमानत हो गई थी. इस मामले में विवेचक ने जुलाई 21 में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. अब इसी मामले में गैंगस्टर लगाया गया है.
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